छत्तीसगढ़ में गोबर से पेंट बनाने की 37 यूनिट लगेंगी

छत्तीसगढ़ में गोबर से पेंट बनाने की 37 यूनिट लगेंगी

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना से जुड़ी कारोबारी गतिविधियों का विस्तार तेज हो रहा है। इस योजना के जरिये सरकार दो रुपया प्रति किलोग्राम की दर से गोबर और चार रुपया प्रति लीटर की दर से गौमूत्र खरीद रही है। अब प्रदेश के 25 जिलों की 37 गोठानों में गोबर से पेंट बनाने की यूनिट शुरू करने की तैयारी है। अभी रायपुर, दुर्ग और कांकेर जिलों की पांच गोठानों में इस तरह का पेंट बन रहा है।

यह जानकारी मुख्यमंत्री निवास में आयोजित गोधन न्याय योजना के मासिक भुगतान के लिए आयोजित वर्चुअल समारोह में दी गई। बताया गया, वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए पांच यूनिट लगाई जा चुकी हैं। इनमें से रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों में दो-दो तथा कांकेर के चारामा स्थित गौठान में एक यूनिट संचालित है। इन पांच क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक आठ हजार 997 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया जा चुका है। इसमें से तीन हजार 307 लीटर प्राकृतिक पेंट के बिक्री से 7 लाख 2 हजार 30 रुपए की आय अर्जित हुई है। अब प्रदेश के 25 जिलों में 37 चिन्हित गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जा रही है। इस महीने के अंत तक यह सभी 37 यूनिटें गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन करने लगेंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस सादे समारोह में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह आदि मौजूद रहे।

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