केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ की स्थिति को लेकर गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद रहे। बैठक में जोशीमठ की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई।
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ नगर का जायजा लिया था। उन्होंने प्रभावितों के लिए अंतरिम सहायता की घोषणा की थी। वहीं, बदरीनाथ महायोजना की तर्ज पर मुआवजा राशि की मांग को लेकर अड़े स्थानीय लोगों ने असुरक्षित घोषित इमारतों को तोडे़ जाने की कार्रवाई बाधित रखी।
जोशीमठ में मीडिया से बातचीत में धामी ने साफ कहा था कि जोशीमठ में चिह्नित असुरक्षित भवनों में से केवल दो होटल को ही अभी तोड़ा जाएगा और यह भी सबकी सहमति से होगा। उन्होंने कहा कि राहत एवं पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भू-धंसाव प्रभावित के रूप में चिह्नित किया गया है, जिनमें से बुधवार तक 145 परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया। जोशीमठ में दो होटल-सात मंजिला ‘मलारी इन’ और पांच मंजिला ‘माउंट व्यू’ दरारें आने के कारण एक दूसरे की ओर खतरनाक तरीके से झुक गए हैं और उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं।