छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के वक्त सबसे ताकतवर अफसर रहे अमन सिंह पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ केंद्र सरकार और CBI को शीघ्र निर्णय लेने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि शिकायतों पर 16 सप्ताह के अंदर कानून सम्मत फैसला लें। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ में हुई। रायपुर के राकेश चौबे ने 4 दिसंबर 2019 और 17 जुलाई 2021 को दायर याचिका में कोर्ट से आग्रह किया था कि वह CBI, केंद्र सरकार को अमन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी लेनदेन के आरोपों की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे। याचिका में यह मांग भी की गई थी कि अमन सिंह के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में SIT गठित कर जांच कराई जाए। राकेश चौबे की याचिका में कहा गया था, 2003 से लेकर 2018 तक भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर कृत्य की जांच के लिए उसने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की। बार-बार प्रार्थना पत्र दिया लेकिन आज तक कार्रवाई करने का कोई प्रयास नहीं किया गया।