इंडियन प्रीमियर लीग हमेशा से युवाओं का मंच माना गया है. हर साल इस लीग में कई गुमनाम खिलाड़ी आकर छा जाते हैं. जिस कड़ी में आयुष बदोनी और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों का नाम शामिल हैं. लेकिन इसी कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है. जिसमें राजस्थान के लिए मैच के अंतिम ओवर में लखनऊ के धाकड़ बल्लेबाज मार्कस स्टोइनिस को 15 रन नहीं बनाने दिए और अपनी टीम राजस्थान रॉयल्स को कुलदीप सेन ने डेब्यू मैच में ही जीत दिला डाली. ऐसे में कुलदीप की जीत के बाद उनके पिता ने कहा कि मैं हमेशा उसे क्रिकेट खेलने से रोकता था. यहां तक कि हाथ भी उठा देता था लेकिन उसने अपने सपने को कभी पीछे नहीं छोड़ा.
इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत में कुलदीप सेन के पिता रामपाल ने कहा, “मैं पिछले 30 सालों से बाल काट रहा हूं. मैं बेटे के लिए खुश हूं, उन्होंने हमारा मान बढ़ाया है. मैंने मैं उसे क्रिकेट के लिए कभी सपोर्ट नहीं किया. मैंने मैं क्रिकेट खेलने से रोकने के लिए उसे डांटा और यहां तक की हाथ भी उठाया. लेकिन कुलदीप ने अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ा.”
कुलदीप के पिता नाई का करते हैं काम
गौरतलब है कि कुलदीप मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और उनके पिता की रीवा में बाल काटने की दुकान है, जिससे वह हर महीने करीब 8 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. ऐसे में उनके बेटे के टैलंट को राजस्थान रॉयल्स ने मंच दिया और 20 लाख के बेस प्राइस पर कुलदीप सेन को अपनी टीम में शामिल किया था. इसके बाद कुलदीप को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मैच में मौका मिला और उन्होंने 4 ओवर में 35 रन देकर एक विकेट चटकाए. जिसमें सबसे अहम अंतिम ओवर में लखनऊ को जीत के लिए 15 रन चाहिए थे और कुलदीप ने तीन रन से राजस्थान क मैच जिताया था.
कोच एंथनी ने दिया साथ
इस तरह आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण कुलदीप के पिता उनको क्रिकेट अकादमी भेजने में असमर्थ थे. इसी बीच मध्य प्रदेश के लिए अंडर-19 क्रिकेट खेलने वाले कोच एंथनी ने कुलदीप के उपर अपना हाथ रखा और उन्हें स्टार बना डाला. कुलदीप ने चेन्नई स्थित एमआरएफ पेस अकादमी में डेनिस लिली से काफी कुछ सीखा था. इसके अलावा एंथनी ने कुलदीप सेन की गेंदबाजी पर काफी काम किया, जिसके चलते वह आईपीएल के अपने पहले ही मैच में स्टार बनकर सामने आए.