पापा का जन्मदिन था, गुब्बारों के लिए पैसे नहीं थे तो बिटिया ने कुछ इस तरह पॉलिथीन में अपनी सांसें भर दी और पापा का जन्मदिन मनाया।
इसीलिए तो कहते हैं बेटियाँ सौभाग्य से मिलती हैं
पापा का जन्मदिन था, गुब्बारों के लिए पैसे नहीं थे तो बिटिया ने कुछ इस तरह पॉलिथीन में अपनी सांसें भर दी और पापा का जन्मदिन मनाया।
इसीलिए तो कहते हैं बेटियाँ सौभाग्य से मिलती हैं
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