दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने अब तक ऐसे अकाट्य सबूत हासिल करने की सूचना नहीं दी है जिनके आधार पर अदालत में आफ़ताब का अपराध साबित किया जा सके.
इनमें मर्डर वेपन से लेकर मृतका के कपड़े और सीसीटीवी फुटेज़ आदि शामिल हैं.
ऐसे में दिल्ली पुलिस लगातार इस मामले को अलग – अलग तरह से उलट-पुलट कर देख रही है ताकि उसे आफ़ताब के कथित कबूलनामे से इतर कुछ मिल सके.
इसी दिशा में दिल्ली पुलिस की फ़ोरेंसिक टीम आफ़ताब के फ़्लैट पर पहुंची थी. लेकिन फॉरेंसिक टीम कथित क्राइम सीन पर सबूतों की सफ़ाई देखकर दंग रह गयी है
हमने कई क्राइम सीन (वो जगह जहां अपराध होता है) देखे हैं लेकिन अब तक ऐसा क्राइम सीन नहीं देखा है जिसे इस तरह साफ़ किया गया हो. उसने सबूत मिटाने के लिए कैमिकल का इस्तेमाल किया और ये सुनिश्चित किया कि कोई दाग बाकी न रह जाए. अभियुक्त ने इस दिशा में इंटरनेट से या किताबें पढ़कर जानकारी जुटाने की कोशिश की होगी।
फ़ोरेंसिक टीम के अधिकारी ने कहा है कि ‘अब तक शरीर के किसी भी अंग को जलाने के सबूत नहीं मिले हैं. उसने (आफ़ताब) कहा कि उसने लड़की को बेड पर मारा और फिर उसके शव को बाथरूम में ले जाकर कई टुकड़ों में काट दिया.’
एफ़एसएल की टीम इस मामले में अब तक मिली 13 हड्डियों की जांच कर रही है जिन्हें श्रद्धा वालकर के शव के टुकड़े बताया जा रहा है.
इस पर फ़ोरेंसिक टीम के अधिकारी ने कहा है कि प्रथम दृष्टया ये इंसान की हड्डियां हैं लेकिन विस्तृत जांच जारी है.
इस अधिकारी ने कहा है, “ये अपराध छह महीने पहले हुआ था और सिर्फ़ डीएनए मिलान ही एक रास्ता है जिससे ये साबित किया जा सके कि जिसकी हत्या हुई वो श्रद्धा वालकर थी और उसके क्राइम सीन पर होने के संकेत मिल सकें.”
इसकी वजह बताते हुए फ़ोरेंसिक अधिकारी ने कहा कि ‘इंसानी शरीर में हड्डियों को छोड़कर हर चीज को आसानी से ख़त्म किया जा सकता है, और डीएनए जांच का प्राथमिक स्रोत वही होती हैं.’