रायपुर। छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर उपचुनाव और हिमाचल चुनाव ने कांग्रेस को जश्न मनाने का मौका दिया है तो दिल्ली कारपोरेशन में कब्जे पर आम आदमी पार्टी उत्साहित है जबकि भाजपा गुजरात की जबरदस्त जीत का उत्सव मना रही है। हार का मातम कहीं नहीं है। यहां भाजपा उपचुनाव में करारी शिकस्त खाकर भी खुश हैं। कारण कि यह हार अपेक्षित ही थी। जिन हालात में भाजपा ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव लड़ा, उसमें प्रतिष्ठापूर्ण पराजय से विचलित क्या होना?
इधर हिमाचल में जीत का असर छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर ऐसा पड़ा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कह दिया कि यह केंद्र से मोदी सरकार की विदाई का संकेत है। वे यह भूल गए कि गुजरात में कांग्रेस का क्या हुआ? गजब बात है कि 68 सीटों वाले हिमाचल में कांग्रेस की जीत पर मोदी सरकार उखड़ने का संकेत मिल जाता है और 282 सीटों वाले गुजरात में कांग्रेस के उजड़ने पर कुछ रंज नहीं होता। भाजपा को भी भानुप्रतापपुर की हार का दुख नहीं है। हो भी क्यों? वह बता रही है कि कांग्रेस ने यह उपचुनाव कैसे जीता।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव कह रहे हैं कि यह कांग्रेस की अनैतिक जीत है। नैतिक तौर पर कांग्रेस हार गई है। कांग्रेस ने चरित्र हत्या और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर उपचुनाव तो जीत लिया। लेकिन स्पष्ट हो गया कि आदिवासी समाज अब कांग्रेस का साथ छोड़ता जा रहा है। आदिवासी समाज ने कांग्रेस का दावा खोखला साबित कर दिया है। चुनाव में भाजपा और निर्दलीय आदिवासी प्रत्याशी को जितने वोट मिले, उतने वोट कांग्रेस प्राप्त नहीं कर पाई। यह जाहिर करता है कि कांग्रेस के विकास के दावों में सच्चाई नहींहै।
साव का कहना है कि कांग्रेस आदिवासी आरक्षण के नाम पर भ्रमित करने के बाद भी आदिवासी समाज का भरोसा नहीं जीत पाई। कांग्रेस की चारित्रिक हार तो प्रचार के दौरान ही हो गई थी। यह कांग्रेस की नहीं विशुद्ध सहानुभूति और कांग्रेस के अलोकतांत्रिक हथकंडों की जीत है।
कांग्रेस ने प्रशासनिक अनैतिकता से आदिवासियों का हक छीना है। कांग्रेस के दुष्प्रचार और सत्ता के दुरुपयोग के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को जो आशीर्वाद प्राप्त हुआ, वह कांग्रेस की निम्न मानसिकता पर करारा प्रहार है। कांग्रेस ने षड्यंत्र करके जनादेश का हरण किया है। इसके विपरीत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत केंद्र से मोदी सरकार की विदाई का संकेत है।
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से बस्तर भाजपा मुक्त बना हुआ है। मरकाम भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत को अगले साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड बहुमत से जीत का इशारा मान रहे हैं। वैसे लगातार 5 उपचुनाव जीत लेने पर कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ना समझ में आ रहा है लेकिन कांग्रेस को यह समझ लेना चाहिए कि वह पूरे प्रदेश में कितने पानी में है। उपचुनाव के परिणाम कभी आने वाले वक्त की असल तस्वीर पेश नहीं करते। रही बात भाजपा की तो उसे गिरने के बाद सम्हलकर चलने की जरूरत है। चेहरा नहीं, जनता के बीच छवि देखनी होगी। चाहे टिकट का दावेदार कोई भी क्यों न हो।