रायपुर। पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए और राजनीति की दुनिया में जीने वालों को इसी में जीने का बहाना चाहिए। बात बेबात आपस में भिड़ने वाली कांग्रेस और भाजपा अब छत्तीसगढ़ में जी 20 समिट पर भिड़ गई हैं। कांग्रेस कह रही है कि जी 20 का सम्मेलन छत्तीसगढ़ माडल की अंर्तराष्ट्रीय गूंज है।
कांग्रेस कह रही है कि जिस छत्तीसगढ़ में रमन राज में नक्सल आतंक के कारण लोग आने से परहेज करते थे, आज वहां जी 20 सम्मेलन हो रहा हैं ,यह भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धि है। जवाब में भाजपा कह रही है कि जी 20 की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रेम का प्रतीक है। बघेल नक्सली भय के नाम पर दिल्ली में भीगी बिल्ली क्यों बन जाते हैं? एक धेले का विकास नहीं किया। भाजपा ने सड़क, ब्रिज, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, ऑडिटोरियम बनाये हैं। मतलब जी 20 पर भी श्रेय लूटने की सियासत शुरू हो गई।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील शुक्ला का कहना है कि यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ माडल की कीर्ति है, जो अब देश से निकलकर विदेशों तक फैल रहा है। भारत सरकार भी छत्तीसगढ़ मॉडल को दुनिया के सामने रख रही है। किसी भी देश में जब कोई अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन या बैठक होती है तो उसी स्थान का चयन किया जाता है, जो उस देश में सर्वोत्तम हो ताकि मेजबान देश की अंर्तराष्ट्रीय छवि और निखरे।
केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह मान लिया कि छत्तीसगढ़ सरकार के काम पूरे प्रदेश में सर्वोत्तम हैं तथा छत्तीसगढ़ सरकार की योजनायें देश के अन्य राज्यों से बेहतर है। शुक्ला कह रहे हैं कि पिछले 4 साल में छत्तीसगढ़ में इतना परिवर्तन हो गया कि जिस छत्तीसगढ़ में देश के दूसरे प्रांत के लोग इसलिये आने से हिचलते थे कि यहां नक्सल आतंक है उसी छत्तीसगढ़ में आज अंर्तराष्ट्रीय बैठक होने जा रही है।
यह भूपेश बघेल सरकार की बड़ी उपलब्धि है। कांग्रेस ने जी 20 पर जी भरकर अपनी सरकार की तारीफ कर डाली तो भाजपा का मौन असंभव है। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कह दिया कि छत्तीसगढ़ में जी 20 समिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ के प्रति प्रेम का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ में जो भी विकास हो रहा है, वह मोदी जी की उदारता से हो रहा है। पूरे देश में नक्सलवाद सिमट चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह स्थिति है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में कहते हैं कि वे नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें सुरक्षा दी जाए।
एक तरफ कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन नक्सलियों की प्रवक्ता जैसे बयान देती हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस के पदाधिकारी नक्सलियों के साथ तेलंगाना में पकड़े जाते हैं, तीसरी तरफ कांग्रेस की विधायक बताती हैं कि छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सलियों से है और चौथी तरफ कांग्रेस का संचार तंत्र जी 20 की बैठक पर भूपेश बघेल की पीठ थपथपाने का मजाक कर रहा है। कांग्रेस समय समय पर नक्सलियों को लेकर गिरगिट से भी तेज गति से रंग बदल लेती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पहल कर जी 20 की महत्वपूर्ण बैठक छत्तीसगढ़ में तय की। उन्होंने खुद राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की। क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री से आग्रह करने दिल्ली गए थे कि छत्तीसगढ़ में जी 20 की बैठक कराएं। क्या भूपेश बघेल के पास जी 20 के देशों ने अनुरोध किया था कि हमें तो आपके काम को देखना है!
जिस राज्य सरकार का काम देखने की इच्छा कांग्रेस के मालिकों को नहीं है, जिस राज्य सरकार पर यह भरोसा नहीं है कि राहुल गांधी की यात्रा सुरक्षित रहेगी, उस राज्य सरकार की स्तुति करते कांग्रेस के संचार तंत्र को कुछ तो झिझक होना चाहिए, कुछ तो संकोच करना चाहिए। वैसे यहां यह भी देखना होगा कि केवल छत्तीसगढ़ में ही जी 20 का कार्यक्रम नहीं हो रहा है तो कांग्रेस को यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि मोदी सरकार बघेल सरकार पर लट्टू हो गई है। विभिन्न राज्यों में आयोजन होंगे, छत्तीसगढ़ उनमें से एक है।
भाजपा को भी छत्तीसगढ़ प्रेम का गीत सुनाते समय यह याद रखना चाहिए कि यह विशेष कृपा केवल छत्तीसगढ़ पर नहीं हो रही है।