*सौर सुजला योजना से विद्युत की निर्भरता हुई खत्म, फसलों में बढ़ोतरी के साथ आमदनी हुई दुगुनी

*सौर सुजला योजना से विद्युत की निर्भरता हुई खत्म, फसलों में बढ़ोतरी के साथ आमदनी हुई दुगुनी

आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे किसान, अब वर्षभर हो रही खेती

रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सोलर सिंचाई पम्प लगाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस दिशा में तेजी से काम हुआ और हाल ही में देश में सर्वाधिक सोलर पम्प स्थापित करने और ऊर्जा संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सोलर एनर्जी से कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के प्रयासों के साथ क्रेड़ा द्वारा सोलर विद्युत केन्द्र, सोलर लाइट, वनांचलों के गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने में भी सोलर पम्पों का उपयोग किया जा रहा है, जल जीवन मिशन सहित राज्य शासन की योजना के तहत प्रदेश में 10 हजार 629 सोलर पम्प स्थापित कर 4 लाख 80 हजार से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

कोरिया जिले में सोलर सिंचाई पम्पों से खेतों में छायी हरियाली, आसान हुई सिंचाई

सौर सुजला योजना से कोरिया जिले के दुर्गम क्षेत्रों तक भी किसानों के खेतों में फसल लहलहा रही है। जिले में छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग द्वारा प्राप्त सोलर पम्पों से सिंचाई आसान हुई है। विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 6 फेस में कुल 2,432 सोलर सिंचाई पम्प लगाए गए हैं। विकासखण्ड सोनहत के ग्राम सलगवां के किसान सुखराज बताते हैं कि उनके पास 1.5 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, पहले वे सीजन में ही मक्का, सरसों जैसी फसल लगा पाते थे, क्योंकि नल तथा वर्षाजल के माध्यम से पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पाती थी, लेकिन वर्ष 2020 में 3 एचपी का सोलर पम्प लग जाने से अब पूरे वर्ष खेतों में हरियाली रहती है, जिससे वे बहुत खुश हैं।

इसी तरह 1.97 एकड़ में धान, गेंहू, चना तथा सब्जी की खेती कर रहे ग्राम कैलाशपुर के रामकुमार बताते हैं कि सोलर पम्प लगने से पहले खेतों में केवल धान ही लगा पाते थे, अब अच्छी खेती से लाभ भी अच्छा हो रहा है। इसी प्रकार गांव के ही किसान इंद्रपाल सोलर पम्प से सिंचाई में हुए लाभ को बताते हुए कहते हैं कि पहले पानी की कमी के कारण पूरे खेत में सब्जियां लगाना मुश्किल था, लेकिन अब पूरे 1.5 एकड़ में सब्जियां लग रहीं हैं, जिससे पूरा परिवार बहुत खुश है।

रायगढ़ जिले के 2500 से अधिक हितग्राहियों ने उठाया सौर सुजला योजना का लाभ

रायगढ़ जिला मुख्यत: कृषि प्रधान है, जहां वर्षा आधारित कृषि की जाती है, ऐसे में खेतों तक विद्युत विस्तार करना किसानों के लिए भी खर्चीला सौदा साबित होता है। जिसके कारण किसानों को खरीफ की फसलों में वर्षा की लेट लतीफी होने से काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं पानी की दिक्कतों से किसान रबी फसल नहीं ले पाते थे, लिहाजा दोनों फसलों में आर्थिक नुकसान की आशंका किसानों को बनी रहती है। इसी समस्या को देखते हुए शासन द्वारा सौर सुजला योजना प्रारंभ किया गया। सौर सुजला योजना से आज जिले के प्रगतिशील किसान रबी एवं खरीफ दोनों फसलों को बिना परेशानी के ले पा रहे है, जिससे उत्पादन के साथ उनकी आमदनी भी बढ़ी है।

रायगढ़ जिले के विभिन्न विकासखंडो में हितग्राही चारागाह एवं गोठान में सौर सुजला योजना अन्तर्गत 2500 से ज्यादा हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है। इन सभी जगहों पर पानी की समस्या खत्म होने से सभी प्रकार के कृषि,सब्जी उत्पादन के साथ अन्य कार्य सुचारु तरीके से किया जा रहा है। किसान धान के साथ सब्जी फसल भी ले रहे है, जिससे उन्हे अतरिक्त लाभ प्राप्त हो रहा है।

धरमजयगढ़ पेलमा निवासी सुरेश राठिया ने बताया कि पहले खरीफ की फसल आसानी से हो जाती थी, लेकिन पानी की समस्या के कारण रबी की फसल लेने में दिक्कत होती थी। ऐन वक्त में बिजली की समस्या भी आ जाती थी, लेकिन अब सौलर पंप लगने से बिजली और बिल दोनों की समस्या खत्म हो गई। अब वे खरीफ और रबी दोनों फसल को बड़ी आसानी से ले पा रहे है और इससे उनकी आमदनी बढ़ी है। इस वर्ष उन्होंने धान, मूंगफल्ली, मटर, सब्जियां लगाया है।

सौर सुजला योजना में 1.17 लाख से अधिक सोलर सिंचाई पंप स्थापित

     क्रेडा द्वारा राज्य में पिछले चार वर्षो में प्रदेश में 71 हजार 753 सोलर कृषि पम्पों की स्थापना की गई। सोलर सिंचाई पम्पों से लगभग 86,104 हेक्टयेर रकबा सिंचित हुआ है। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अब तक 3 एवं 5 हार्स पॉवर के एक लाख 17 हजार से अधिक सोलर सिंचाई पम्पों की स्थापना हो चुकी है। जिससे लगभग एक लाख 17 हजार हेक्टेयर से अधिक की भूमि सिंचित हुई हो रही है। इस योजना से 1 लाख 26 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

लघु और सीमांत किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सौर सिंचाई सामुदायिक परियोजना सतही जल स्त्रोत के निकट बनायी जा रही है। सतही जल के उपयोग से भू-जल का दोहन में भी कमी आएगी। पिछले चार वर्षों में 16 सौर सामुदायिक सिंचाई परियोजनाओं की स्थापना की गई, जिसके माध्यम से लगभग 911 किसानों की 976.17 हेक्टेयर भूमि में सिचाई सुविधा का लाभ मिल रहा है। इन परियोजनाओं में 59 सोलर सिंचाई पम्पों की स्थापना की गई है। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अब तक 228 सौर सामुदायिक सिंचाई परियोजना में 334 सोलर सिंचाई पम्प स्थापित किये गए हैं, इसके माध्यम से 2639 किसानों की 2749 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो रही है।
Chhattisgarh