पश्चिम बंगाल पुलिस ने आसनसोल में एक धार्मिक कार्यक्रम में भगदड़ को लेकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये एक भाजपा नेता के समर्थक बताए गए हैं। कार्यक्रम में कंबल वितरण के दौरान भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत हो गई थी।
इस मामले में ममता बनर्जी सरकार ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की कोशिश की थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने इजाजत नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट ने भी बंगाल सरकार को इस मामले में कोई राहत नहीं दी और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
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भगदड़ की घटना बुधवार शाम को पश्चिम बर्द्धमान जिले के आसनसोल में हुई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में गुरुवार रात को आसनसोल सिटी पुलिस ने छापे मारे थे। इस दौरान विभिन्न स्थानों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। धरपकड़ अभी जारी है। इन्हें भगदड़ मामले में कथित तौर पर गिरफ्तार होने के कारण पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह भगदड़ किसी साजिश का नतीजा थी या धार्मिक कार्यक्रम के आयोजकों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई।
भाजपा नेता के समर्थक हैं पांचों
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार पांच व्यक्ति आसनसोल के स्थानीय भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी के करीबी समर्थक हैं। भगदड़ उस वक्त मची थी, जब बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी कार्यक्रम से जा चुके थे। भीड़ ने कंबल पाने के लिए मंच की ओर बढ़ना शुरू किया, तभी भगदड़ मच गई थी। इसमें दो महिलाओं और एक लड़की की मौत हो गई थी। अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उनके जाते ही वहां तैनात पुलिस जवानों को हटा लिया गया इस कारण भगदड़ मची।
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सियासी विवाद बनी भगदड़
यह भगदड़ बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी व विपक्षी भाजपा के बीच सियासी विवाद में बदल गई है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ने इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। उधर, पुलिस ने दावा किया कि कंबल वितरण कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस ने हादसे की जांच के लिए एक टीम गठित की है।