सुप्रीम कोर्ट ने इतिहास की किताबों में ताज महल के बारे में दी गई ‘ग़लत जानकारी’ को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
याचिका में ताज महल की “सही उम्र” निर्धारित करने और इतिहास की किताबों में इसको बनाने से जुड़ी गलत जानकारियां हटाने के लिए एएसआई को निर्देश देने की मांग की गई थी.
जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार वाली पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि ये इस तरह के मसले एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) के सामने ले जाने चाहिए.
पीठ ने कहा, “हर मुद्दे पर कोर्ट को न घसीटें. अदालत कैसे तय करेगी कि ताज महल की असली उम्र क्या है या 400 साल पहले इससे जुड़े तथ्य क्या थे.”
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने ये अर्ज़ी वापस ले ली.