नेपाल के पोखरा में रविवार को हुए विमान हादसे का कारण क्या आखिरी वक्त में ‘लैंडिंग पैड बदलना’ था?
नेपाल के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग के ठीक पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में सवार कम से कम 68 लोगों की मौत की पुष्टि की है. इस विमान में चालक दल के सदस्यों समेत कुल 72 लोग थे. यात्रियों में पांच भारतीय नागरिक थे.
नेपाल सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय आयोग बनाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक अब तक की जांच और चश्मदीदों से मिली जानकारी के मुताबिक जो बात सामने आई है उसमें लैंडिंग पैड (हवाई पट्टी) बदलने का फैसले को लेकर सबसे ज़्यादा सवाल उठ रहे हैं.
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एयरपोर्ट के एक अधिकारी के मुताबिक पोखरा में दुर्घटनाग्रस्त हुए यती एयरलाइंस के विमान ने रनवे से 24.5 किलोमीटर की दूरी तक आने के बाद अपना लैंडिंग पैड बदल लिया.
अधिकारियों के मुताबिक कप्तान कमल केसी के नेतृत्व में विमान को उतरने की अनुमति दी जा चुकी थी. तब तक विमान और इसकी उड़ान में कोई समस्या नहीं देखी गई.
लेकिन फिर अचानक विमान के पायलट ने एटीसी से कहा, “मैं अपना निर्णय बदल रहा हूं.”
अधिकारी के मुताबिक पायलट को रनवे 30 पर उतरने की अनुमति दी गई थी लेकिन उन्होंने रनवे-12 पर उतरने की अनुमति मांगी.
और विमान नीचे गिर गया’
लैंडिग की मंजूरी मिलने के बाद विमान ‘विजिबिलिटी स्पेस’ में आ गया था. यानी उसे कंट्रोल टावर से देखा जा सकता था. इस आधार पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने अनुमान लगाया कि विमान 10 से 20 सेकेंड में रनवे पर उतर जाएगा.
अपना नाम न बताने करने की शर्त पर एयरपोर्ट के एक ट्रैफिक कंट्रोलर ने बताया, “मोड़ के दौरान जब विमान का लैंडिंग गियर खोला गया, तो विमान ‘स्टॉल’ हो गया और नीचे की तरफ जाने लगा.”
एविएशन की शब्दावली में ‘स्टॉल’ का मतलब होता है विमान का अपनी ऊंचाई बरकरार रखने में नाकाम हो जाना.
इस अधिकारी के मुताबिक़ ‘कंट्रोल टावर से विमान पूरी तरह साफ नज़र आ रहा था’
पोखरा हवाई अड्डे के प्रवक्ता विष्णु अधिकारी ने भी ये बताया कि रविवार को यहां मौसम साफ़ था और सारी उड़ानें भी नियमित थीं
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया
कुछ चश्मदीदों ने बताया कि लैंडिंग से पहले मुड़ते समय विमान ने नियंत्रण खो दिया.
चश्मदीदों के मुताबिक ये सबकुछ इतना अचानक हुआ कि लोग समझ नहीं पाए.
43 साल की कमला गुरुंग ने बताया, “मैंने अपनी आंखों के सामने विमान को जलते हुए देखा.”
कमला गुरुंग घरीपाटन इलाके के रहने वाली हैं, जहां एक घर के अहाते में विमान क्रैश होकर गिरा. वहां प्लेन की खिड़कियों के टुकड़े, चाय के प्याले और जले हुए सामान बिखरे पड़े हैं.
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बम की तरह फटा विमान’
कमला बताती हैं कि हादसे को देखकर बच्चे डर के मारे घर में घुस गए.
कमला गुरुंग ने बताया, “सुबह 11.30 बजे तक सबकुछ सामान्य था, मैं रोज की तरह छत पर बच्चों के साथ धूप सेंक रही थी. घर से हवाई जहाज़ों के आने जाने का शोर आम बात है. लेकिन रविवार की सुबह ऊपर से गुजर रहे विमान की आवाज़ रोज से अलग थी. जब तक मैंने देखा तब तक विमान नीचे गिर गया.”
कमला आगे कहती हैं ऐसा भयानक विमान हादसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था.
वो कहती हैं, “जब विमान नीचे गिरा तो बहुत तेज आवाज़ हुई. उसके बाद कुछ देर के लिए धुएं का काला बादल ही नजर आया. देखते ही देखते आग की तेज़ लपटें उठने लगीं.”
घटनास्थल से बमुश्किल 200 मीटर की दूरी पर कुछ ऊंचे घर हैं. एक अन्य स्थानीय निवासी बाल बहादुर गुरुंग ने कहा कि ‘किस्मत अच्छी थी’ कि विमान वहां नहीं गिरा.
बहादुर गुरुंग ने आगे बताया, “विमान बहुत नीचे से आया था. यह कण्ठ की ओर जा रहा था, जब यह अचानक बम की तरह फट गया. आसपास के जंगल में भी आग लग गई.”
इसके कुछ ही देर बाद पोखरा में यती एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर हर जगह फैल गई.