
वेब-डेस्क :- अक्सर देखा गया है कि जैसे-जैसे बच्चियां बड़ी होती हैं, उनके आत्मविश्वास में गिरावट आने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ स्कूल, समाज और साथियों का दबाव उनके आत्मबोध को प्रभावित करने लगता है। ऐसे में यह जिम्मेदारी अभिभावकों की बनती है कि वे अपनी बेटियों को आत्मविश्वासी बनाने के लिए सही मार्गदर्शन दें।
विशेषज्ञों का मानना है कि 8 से 14 वर्ष की उम्र में लड़कियों के आत्मविश्वास में करीब 30% की गिरावट आती है। इसका मुख्य कारण होता है किशोरावस्था की चुनौतियां, सामाजिक तुलना, अस्वीकृति का डर, और कभी-कभी परिवार में भेदभावपूर्ण व्यवहार।
क्या करें अभिभावक?
- खुद से प्यार करना सिखाएं:
बेटियों को यह समझाना जरूरी है कि उनका आत्म-मूल्य उनके लुक या शरीर पर नहीं बल्कि उनके गुणों और क्षमताओं पर आधारित है। मां-बाप को चाहिए कि वे खुद के शरीर और लुक्स को लेकर सकारात्मक बातें करें जिससे बच्ची भी खुद को स्वीकारना सीखे।
- राय रखने का मौका दें:
बेटियों की बातों को नजरअंदाज करने की बजाय उन्हें सुना जाए, उनकी राय मांगी जाए। अगर वे किसी बात में गलत हों, तो उन्हें प्यार से सही रास्ता दिखाएं। - जिम्मेदारी देना शुरू करें:
छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंपकर उनमें निर्णय लेने की क्षमता विकसित करें। गलतियों पर डांटने की बजाय सिखाने का मौका दें। - नई चीजें सीखने और बताने के लिए प्रेरित करें:
जब बच्चियां कोई नई चीज़ सीखें तो उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे दूसरों को भी बताएं। इससे उनका आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति कौशल दोनों बेहतर होंगे। - सकारात्मक संवाद अपनाएं:
हमेशा “तुम क्यों नहीं कर सकतीं” जैसे नकारात्मक वाक्यांशों के बजाय “तुम कर सकती हो” जैसा उत्साहवर्धक संवाद अपनाएं।
जानकारों की सलाह:
डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, मनोचिकित्सक, बताती हैं कि माता-पिता और शिक्षकों के छोटे-छोटे प्रयास बच्चों के आत्मविश्वास को नई उड़ान दे सकते हैं। आत्मविश्वास बचपन की नींव से जुड़ा होता है, इसलिए इसे मजबूत बनाने में देरी न करें।