सावित्री मंडावी और अकबर राम कोर्राम ने किया मतदान
छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापुर विधानसभा उपचनाव में सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिल रही है। 256 पोलिंग बूथ में करीब 1 लाख 95 हजार 822 मतदाता हैं। अति संवेदनशील इलाके में स्थित 17 मतदान केंद्रों में एक-एक वोट डलवाना भी एक बड़ी चुनौती होगी। नक्सल इलाका होने की वजह से लगभग 6 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। मतदान दोपहर 3 बजे तक चलेगा।
कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी सुबह 7 बजे मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान कीं।उनके साथ पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने भी मतदान किया। सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम ने उड़कुड़ा पोलिंग बूथ पहुंच अपना वोट डाले हैं। कांग्रेस से सावित्री मंडावी, भाजपा से ब्रम्हानंद नेताम और सर्व आदिवासी समाज से अकबर राम कोर्राम ये तीनों प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं। भनुप्रतापपुर विधानसभा की जनता वोट देकर इनके भाग्य को EVM में कैद कर रही है। पूरे विधानसभा में 95 हजार 266 पुरूष मतदाता हैं। जबकि, 1 लाख 555 महिला मतदाता हैं। सिर्फ 1 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल है। पुरुष वोटर्स की तुलना में महिला वोटर्स की संख्या अधिक है।
6 हजार से ज्यादा जवान तैनात
बस्तर में 2 दिसंबर से माओवादियों का PLGA सप्ताह शुरू हो गया है। ऐसे में हर पोलिंग बूथ में सैकड़ों जवानों की तैनाती की गई है। CRPF, SDF, DRG, कोबरा, BSF समेत अन्य पुलिस फोर्स के करीब 6 हजार जवान तैनात किए गए हैं। पोलिंग बूथ में सुरक्षा बढ़ाई गई है। एक दिन पहले पोलिंग दल EVM के साथ रवाना हुआ था। जिन्हें सुरक्षित बूथों तक पहुंचाया गया है।
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में 256 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 1100 से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 256 में से 82 मतदान केंद्र संवेदनशील के दायरे में है, जबकि 17 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील के अंतर्गत आते हैं। इसे देखते हुए पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। मतदान के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। भानुप्रतापपुर विधानसभा में 1 लाख 95 हजार 822 मतदाता हैं, जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है।
सावित्री मंडावी और ब्रह्मानंद नेताम के बीच टक्कर
कांग्रेस ने दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है। मनोज मंडावी के निधन का दुख अब भी सावित्री मंडावी के चेहरे पर दिखता है। मगर सियासी जिम्मेदारी को निभाने में भी वो पीछे नहीं हट रहीं। उन्होंने बताया ये मेरे लिए दुख की घड़ी है। मगर जहां जा रही हूं लोगों का प्यार मिल रहा है। ये देखकर खुशी होती है। क्षेत्र की जनता चाहती थी कि ये चुनाव मैं लडूं, इस वजह से मैं सियासी मैदान में हूं। उनकी आशाओं को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी रहेगी।