मीडिया में अब हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम दिखाया जाता है, इनके ज़रिए नफ़रत फैलाई जा रही है. लेकिन ये कसूर मीडियावालों का नहीं बल्कि उनके पीछे जो उनके मालिक हैं ये उनकी ताकत है. मैं 2,800 किलोमीटर के सफर के दौरान लाखों लोगों से मिला हूं, लोग एकदूसरे से प्यार करते हैं, वो नफ़रत नहीं करते लेकिन मीडियावाले ये नहीं दिखाते है.
सच्चाई ये है कि चौबीस घंटे मीडिया में नफ़रत की ख़बरें दिखाई जाती है और लोगों का ध्यान भटकाकर जनता का पैसा इनके मालिकों के जेब में जाता है. ये सब जानते हैं कि ये नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है ये अंबानी-अदानी की सरकार है.
जीएसटी एक पॉलिसी नहीं है, ये छोटे और मझोले व्यापारियों को मारने के हथियार हैं. ऐसा करने के कारण ये हुआ कि युवाओं को रोज़गार नहीं मिल रहा. गेम को समझो. जीएसटी रोज़गार देने वालों पर लगाया और उनकी कमर तोड़ दी. अब वो युवाओं को रोज़गार कैसे दे सकते हैं.
बीजेपी ने धर्म की बात उठाई है तो मैं हिंदू धर्म की बात करता हूं. हिंदू धर्म में कहां लिखा है कि ग़रीब लोगों को कुचलना चाहिए, कमज़ोरों को मारना चाहिए? मैंने गीता पढ़ी है और उपनिषद भी पढ़े हैं, लेकिन ये तो मैंने कहीं नहीं पढ़ा.
अदानी-अंबानी की तरफ इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री पर भी लगाम लगी हुई है, ये समझना ज़रूरी है. बंदरगाह उनके (अदानी-अंबानी के), कंपनियां उनकी, फ़ोन उनके, लेकिन हमारे पास सच्चाई है.
बीजेपी ने मेरी छवि बिगाड़ने की पूरी कोशिश की. जब मैं राजनीति में आया था तो मीडिया वाले मेरी प्रशंसा करते थे. फिर मैं भट्टा परसोल गया और मैंने किसानों की ज़मीन का मामला छेड़ दिया, इसके बाद वो मेरे पीछे पड़ गए. प्रधानमंत्री और बीजेपी ने हज़ारों करोड़ रुपये लगा दिए मेरी छवि को बिगाड़ने में. मैंने शांत रहा, मैंने कहा मैं देखता हूं कितना दम है. फिर एक महीने में मैंने सच्चाई दिखा दी.
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया में सच्चा मुक़ाबला चीन और भारत के बीच है. चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन ले ली है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि चीन हमारी सीमा में नहीं आया. लेकिन अगर कोई नहीं आया तो हमारी सेना 21 बार उनसे क्यों बात कर रही है?
भारत और चीन के बीच मुक़ाबला आर्थिक स्तर पर है. कैमरे, फ़ोन, कपड़े जैसे हमारे इस्तेमाल की कई चीज़ें चीन में बनी हैं, उनके पीछे लिखा है ‘मेड इन चाइना’. हमें वो हिंदुस्तान चाहिए जहां हर तरह के सामानों के पीछे ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा. तभी युवाओं को रोज़गार मिलेगा. ये च्वाइस नहीं है, हमें ये कर के दिखाना होगा.