रायपुर । रायपुर के गांधी चौक स्थित मंहत लक्ष्मी नारायणदास महाविद्यालय में दो दिवसीय संगोठी को आयोजना किया जा रहा है जिसमें आज पहला दिन रहा। आज उदयीमान तकनीक की प्रवृत्ति व शोध विषय पर बहुराष्ट्रीय सेमिनार का भव्य शुभारंभ कुलपति डॉक्टर हेमचंद यादव दुर्ग विश्वविद्यालय डॉ अरुणा पलटा के कर कमलों से हुआ वहीं आयोजन में विशेष रुप से नगर पालिक निगम सभापति प्रमोद दुबे शिक्षाविद डॉक्टर अंजनी कुमार शुक्ला छत्तीसगढ़ के विख्यात लोक गायक दिलीप षडंगी महाविद्यालय संचालन समिति में अध्यक्ष अजय तिवारी महासचिव अनिल तिवारी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी एवं अन्य महाविद्यालय उसे पधारे प्राचार्य डॉ एसएस खनूजा डॉक्टर ओपी चंद्राकर डॉ कुलदीप प्रोफ़ेसर मणि शंकर मिश्रा तपेश गुप्ता डॉक्टर योगेंद्र राजपूत सहित अतिथि और शिक्षाविद की उपस्थिति दर्ज की गई आयोजन की शुरुआत में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया तत्पश्चात आयोजन समिति सचिव प्रेम चंद्राकर ने सेमिनार के मूल आशय पर विचार रखें इसके बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने उद्घाटन सत्र में उपस्थित अतिथियों के स्वागत उद्बोधन का वक्तव्य रखा और राष्ट्रीय सेमिनार की विषय वस्तु और उसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन आयोजन समिति के सचिव प्रेम चंद्राकर ने किया और उद्घाटन सत्र में संचालन डॉक्टर किरण अग्रवाल और तकनीक तकनीकी सत्र में डॉ श्रुति तिवारी ने किया।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ अरुणा पलटा ने कहां की राष्ट्रीय सेमिनार का टॉपिक काफी बर्निंग है इस समय या आवश्यकता है कि हर फील्ड में सभी अपडेट होते रहे उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में काफी तेजी से तकनीक इस्तेमाल आरंभ हो गए कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन टीचिंग ने तकनीक की महत्वता को स्पष्ट किया है और आने वाले वर्षों में तकनीकी बदलाव के साथ शिक्षा में काफी और बदलाव होने जा रहे हैं इस बात के संकेत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से भी दे दिए गए हैं की शिक्षा मैं 25 प्रतिशत ऑनलाइन शिक्षा दी जा सकती है उन्होंने बताया कि पहले तकनीकी शिक्षा में लडक़ों को ही अधिक पाया जाता था पर अब या मिथक भी खत्म हो गया है डॉ अरुणा पलटा का कहना था कि का कहना था कि प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा में तकनीकी परिवर्तन दिखाई दे रहे जिसमें लाइफ लोंग सब्सक्रिप्शन एक महत्वपूर्ण विधि आ चुकी है उन्होंने नैनो लर्निंग टीचिंग को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया उनका कहना था कि हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं लेकिन फिजिकल स्वरूप में कक्षा में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को रिप्लेस नहीं किया जा सकता ।
आयोजन में अध्यक्षता कर रहे सभापति नगर पालिक निगम प्रमोद दुबे ने कहा कि शिक्षा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में विशेष फोकस करने की जरूरत है टेस्ला कार कंपनी का मालिक बिना ड्राइवर का कार बना सकता है तो तकनीक में बहुत कुछ संभव है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रक्त में समा चुका है और धीरे-धीरे के इसकी आवश्यकता और बढऩे वाली अमेरिका में फसलों की कटाई में और बुवाई में ट्रैक्टर का उपयोग ने तकनीकी उपयोगिता को साबित कर दिया है कॉलेजों में फ्रेंडली माहौल होना चाहिए पर वही एक वक्त यह भी है कि अब रायपुर शहर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में गिना जाता है यहां तक कि रायपुर शहर की गिनती प्रथम पांच शहरों में होने लगी है मैं विश्वास करता हूं की जिन महाविद्यालयों को बी प्लस नितिन से मिला है आने वाले दिनों में ए प्लस प्लस में बदल जाएगा ।