
रायपुर, 16 जून 2025 : छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बन चुकी महतारी वंदन योजना ने अब तक लाखों महिलाओं के जीवन में नई रोशनी ला दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में संचालित यह योजना न केवल आर्थिक सहारा बनी है, बल्कि महिलाओं की आत्मनिर्भर और आत्मसम्मान से परिपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा भी दे रही है।
सुकमा जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र छिंदगढ़ की निवासी श्रीमती शांति नाग ने बताया कि महतारी वंदन योजना से प्राप्त आर्थिक सहायता ने उनके कठिन जीवन में स्थायित्व और आशा की किरण जगी है। खेती और मजदूरी के सहारे जीवन यापन करने वाले इस परिवार के लिए योजना की एक हजार रुपये की मासिक सहायता जीवन में परिवर्तनकारी साबित हुई है। शांति नाग अब स्वयं को आत्मनिर्भर और सम्मानित नागरिक के रूप में महसूस करती हैं।
श्रीमती नाग कहती हैं कि पहले रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करना भी चुनौती था, लेकिन अब घरेलू खर्चों में राहत मिली है और वे अपने बच्चों की पढ़ाई तथा स्वास्थ्य जैसे जरूरी विषयों पर भी ध्यान दे पा रही हैं।
छिंदगढ़ के ही आश्रित ग्राम पुजारीपाल की लाभार्थी महिलाओं ने योजना के प्रति गहरी संतुष्टि जताई। उन्होंने कहा कि योजना से प्राप्त वित्तीय सहायता ने न सिर्फ उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया है, बल्कि समाज में उनकी पहचान को भी मजबूत किया है। आत्मविश्वास और सामाजिक भागीदारी की भावना से ओत-प्रोत ये महिलाएं अब अपने परिवार की खुशहाली की दिशा में भी सक्रिय योगदान दे रही हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा 10 मार्च 2024 को शुरू की गई महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक 10,433.64 करोड़ रुपए की राशि सीधे महिलाओं के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। 21 से 60 वर्ष की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं को यह सहायता हर माह प्रदान की जा रही है। यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की एक ठोस बुनियाद बन चुकी है।
महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ की उन लाखों महिलाओं के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है, जो कभी अभाव और असमानता के बीच जीवन बिता रही थीं। अब वे आत्मनिर्भर, सम्मानित और सशक्त नागरिक के रूप में समाज में अपनी भूमिका निभा रही हैं। यह योजना सामाजिक बदलाव का एक अद्वितीय उदाहरण बन चुकी है, जो आर्थिक सहायता के माध्यम से आत्मसम्मान की ओर का मार्ग प्रशस्त कर रही है।