ये हुक्मरान अपने अतीत से और जनता के इतिहास से सबक क्यों नही सीखते !

ये हुक्मरान अपने अतीत से और जनता के इतिहास से सबक क्यों नही सीखते !

ये हुक्मरान बिना सोचे – समझे कुछ भी बोलते हैं, सोच – समझकर सब कुछ बोलते हैं !

● संविधान दिवस की पूर्व संध्या देश के गृहमंत्री अमीतशाह गुजरात के खेड़ा जिला के महुधा के सार्वजनिक सभा मे कहा था हमनें 2002 के गुजरात दंगे मे सबक सिखाया था तब जाकर शांति स्थापित हुई है।

● अपनी पुत्री के शराबखाने के प्रकरण पर देश की महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने क्या – क्या कहा था जनता अभी भुली नही है, जब तक सबक नही सिखा दे भूलेगी भी नही।

● बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन बाबू पूरी दंबगई से कहते शराब पियोगे तो मरोगे कोई हर्जाना नही मिलेगा। गरीब की मौत का क्या है बाबू ? जो कभी नही पिया वह भी तुम जैसो के राज मे अकाल मौत मरता है। बाढ़ से मरता है, सूखे से मरता है, सर्दी से मरता है, गर्मी से मरता है, भूख से मरता है, अभावों के दूख से मरता है, शुद्ध पेयजल के बिना प्यास से भी मरता है। बेरोजगारी – मंहगाई से मरता है, रो – रोकर आँसू पीकर मरता है।

सुनो सरकार बहादुरों ! दारू पीने वालों का कोई तरफ़दारी नही करता,
क्योंकि इससे गरीबों की आमदनी मारी जाती है, लेकिन दारू बेचने वाले कहते है,

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