प्रदेश के बेमेतरा जिला स्थित गिधवा-परसदा, दुर्ग के पाटन का चीचा, बिलासपुर के अचानकमार और रायपुर के गंगरेल बांध से लगे फुटहामूड़ा जलाशय रामसर स्थल के रूप में चुने जा सकते हैं। राज्य सरकार ने रामसर स्थल की खोज के लिए प्रदेश स्तर पर कमेटी का गठन किया है। देश के 75 स्थल रामसर साइट में शामिल हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ का एक भी स्थल शामिल नहीं है।
अब छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि रखने वाले वैटलैंड की खोज की जा रही है। वन विभाग ने इस दिशा में पहल करते हुए सर्वेक्षण भी करा लिया। प्रदेश में अब तक 35 हजार से अधिक वेटलैंड (आर्द्रभूमि) ढूढ़े जा चुके हैं। वेटलैंड चयन करने के लिए इसरो से रिमोट सेसिंग की मदद मिली है।
गिधवा परसदा: बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा, नगधा, एरमशाही जलीय नम क्षेत्र हैं। यहां पक्षियों की कई प्रजातियां हैं। जलीय स्थल जैव विविधता की बहुलता के साथ-साथ पारिस्थितिकीय व स्वस्थ पर्यावरण के लिए उपयुक्त माना जाता है। गिधवा-परसदा स्थल मुख्यत: जलीय नमीयुक्त क्षेत्र है। इसका भौगोलिक विस्तार लगभग छह किमी प्रति 180 हेक्टेयर क्षेत्र में है। गिधवा परसदा में दो बड़े तथा दो मध्यम आकार के जलाशय हैं, नजदीकी ग्राम एरमशाही में पांच जलाशय स्थित हैं।
चीचा: दुर्ग जिले के पाटन के अंतर्गत चीचा विभिन्न् प्रजातियों के पक्षियों के लिए जैव विविधता वाला क्षेत्र बन गया है। ग्राम बेलौदी समेत अचनाकपुर, सांतरा, चीचा गांव परिंदों की सैरगाह और घरौंदे के रूप में उभरते नाम हैं। यहां पक्षियों की कई स्थानीय प्रजातियां तो हैं ही इसके अलावा यहां हर साल हजारों किलोमीटर दूर से विदेशी पक्षी भी पहुंच रहे हैं। यहां की अनुकूल परिस्थितियां इन्हें खूब भा रही हैं।
फूटहामूड़ा जलाशय: रायपुर के गंगरेल बांध से लगा फूटहामूड़ा जलाशय भी जलीय नम क्षेत्र है। यहां परिस्थितिकी तंत्र के लिए कई विशेषताएं हैं। जो लोगों को खूब भाती है।
अचानकमार: अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व है। इनके कुछ क्षेत्रों में वेटलैंड की भी खासियत है।
यह कहते हैं आंकड़े
35 हजार 534 वेटलैंड प्रदेश में सर्वेक्षण के अनुसार
7711 वेटलैंड 2.25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले
27823 वेटलैंड 2.25 हेक्टेयर से छोटे वाले
03 लाख 37966 हेक्टेयर में फैले और कुल क्षेत्रफल का 2.5 प्रतिशत
क्या होता है वेटलैंड ?
वेटलैंड का मतलब है नमभूमि या आर्द्रभूमि। वैसी भूमि जो पानी से सराबोर हो। वेटलैंड पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं जिनमें दलदल, नदियां, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान, चावल के खेत, समुद्री क्षेत्र , तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं।
बनाई गई है योजना
राज्य सरकार के निर्देश पर प्राकृतिक वेटलैंड को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर की कमेटी निर्धारित हुई है। हम जल्द ही प्रदेश से रामसर स्थल घोषित कराने को लेकर आगे बढ़ेंगे।