- स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने खुद
दवा खाकर शुरू किया था अभियान
-18 दिसंबर तक चलेगा एमडीए अभियान
रायपुर – राज्य में फाइलेरिया को जड़ से समाप्त करने के लिए मेगा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत फाइलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित राज्य के तीन जिलों
रायपुर, गरियाबंद एवं बलोदा बाज़ार में स्कूलों और घर घर जाकर लोगों को दवा खिलाया जा रहा है। बता दें कि इन तीन जिलों में 54 लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने खुद ही फाइलेरिया की दवा खाकर अभियान का वर्चुअल उदघाटन किया। यह अभियान 18 दिसंबर तक चलेगा। मंत्री सिंहदेव ने फाइलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी के ऑडियो- विज़ुअल संदेशो का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा “हमारी सरकार सभी की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु वचनबद्ध है। विशेषकर, वेक्टर जनित रोगों के उन्मूलन के लिए हम सब प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र, राज्य, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर किए जा रहे प्रयासों से राज्य से फाइलेरिया को जड़ से समाप्त किया जा सकेगा।
घर- घर जाकर खिलाएं दवा
मंत्री सिंहदेव ने कहा, मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के दौरान बूथ पर दवाएं खिलाने के बाद लोगों को घर- घर जाकर दवाएं खिलाएं ताकि कोई भी न छूटे। उन्होंने अधिकारियों से कहा की हाइड्रोसील का ऑपरेशन किया जाये एवं फाईलेरिया के मामलों का इस तरह प्रबंधन किया जाए ताकि छत्तीसगढ़ जल्द से जल्द फाइलेरिया मुक्त राज्य बन सके । स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, फाइलेरिया के संबंध में फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी द्वारा लोगों को ऑडियो- विज़ुअल के माध्यम से दिए गए संदेशो को अंतर विभागीय समन्वय बनाकर प्रत्येक संभावित प्लेटफार्म द्वारा प्रसारित करवाएं ताकि लोगों को इन बीमारियों की जानकारी मिल सके।
उल्टी, खुजली मतलब शरीर में है कृमि
फाइलेरिया के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. जगन्नाथ राव ने बताया कि सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत लगभग 54 लाख 14 हज़ार लोगों को डी.ई.सी. एवं अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक खिलाया जाना है।
फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी चाहिए। आम तौर पर इन दवाओं को खाने से किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन यदि किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं।
110 रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात
इन तीन जिलों के सभी ब्लाको में दवा खाने के बाद यदि किसी तरह की परेशानी से निपटने के लिए 110 प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम की तैनाती की गई है, जो दवाओं के साथ उपचार के लिए तत्पर हैं । डॉ. राव ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री की अपील के कारण इससे पहले समुदाय में 96 प्रतिशत तक कवरेज हुआ है। ।
अभियान के बाद होगा मूल्यांकन
सेंट्रल रीजनल डायरेक्टर डॉ. कांबले ने बताया कि हमारी टीम मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के बाद संबंधित क्षेत्रों के कम से कम 30 गांवों में जाकर इस कार्यक्रम किंसाफलता का मूल्यांकन करते हैं। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाता है। ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के सीनियर डायरेक्टर अनुज घोष ने कहा कि लोग स्वास्थ्य कर्मियों के सामने इन दवाओं का सेवन अवश्य करें । इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ ही ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।