कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में छत्तीसगढ़ का मुद्दा भी गाहे-बगाहे उठता जा रहा है। एक दिन पहले हरियाणा में एक प्रेस वार्ता के दौरान राहुल गांधी के सामने सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के घर की बिजली काटने का मुद्दा उठा। जवाब में राहुल गांधी ने कहा, वे खुद छत्तीसगढ़ जाकर ऐसे मामलों को देखेंगे। राहुल गांधी के सामने मुद्दा आ जाने के बाद प्रशासन भी हरकत में आया। प्रशासन ने शाम तक सोनी सोरी के घर के बिजली कनेक्शन को फिर से जोड़ दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी को सरकार ने पुलिस सुरक्षा दे रखी है। पिछले महीने उनके घर की बिजली काट दी गई। बिजली कंपनी की ओर से कहा गया, ऐसा बिजली बिल बकाया रहने की वजह से किया गया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कुरुक्षेत्र में हुई राहुल गांधी की प्रेस वार्ता में एक पत्रकार ने यह मामला उठा दिया। जवाब में राहुल गांधी ने कहा, पहली बात यह है कि जो सवाल आपने मुझसे पूछा वह नरेंद्र मोदी जी के सामने रख सकते हैं क्या। दूसरी बात यह है कि देश की जनता को बांटकर उनमें नफरत फैलाई जा रही है। हिंदू-मुस्लिम और अलग-अलग जाति के लोगों को लड़ाया जा रहा है। क्या कांग्रेस पार्टी कभी यह करती है। क्या कांग्रेस पार्टी ने कभी कहा है कि एक जाति के व्यक्ति को दूसरी जाति के व्यक्ति की हत्या करनी चाहिए।
कांग्रेस पार्टी ने कभी कहा है कि एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाया जाना चाहिए। कभी नहीं कहा है, हिस्ट्री में कभी नहीं कहा है। तीसरी बात यह है कि वहां पर जो डर का माहौल है उसके बारे में आपने हमें बताया है। उसको हम जाकर देखेंगे। अगर वहां उसके बारे में बोल सकते हैं तो बोलेंगे। अगर वहां कुछ गलत हो रहा है तो मैं पर्सनली जाकर, देखकर अपनी राय रखुंगा। मेन बात यह है कि देश में जो नफरत फैलाई जा रही है, जो हिंसा हो रही है वह छत्तीसगढ़ सरकार ऐज ए पॉलिसी नहीं करती। वहां पर इश्यूज हैं। वहां पर लैंड एक्वीजीशन के इश्यूज हैं, वहां टेंशन है लेकिन हमारी पॉलिसी वैसी नहीं है। इस यात्रा के बाद मैं पर्सनली वहां जाउंगा। इस बात को समझने की कोशिश करुंगा। अगर वहां कोई कमी है तो उसे सुधारुंगा।
नक्सलियों की मददगार बनाकर पुलिस ने पकड़ा था, चली गई नौकरी
सोनी सोरी आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे एक स्कूल में शिक्षिका थीं। साल 2011 में दंतेवाड़ा पुलिस ने उन्हें नक्सलियों को मदद पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप था कि पालनार गांव के साप्ताहिक बाजार में सोनी सोरी और उनका भतीजा लिंगाराम कोडोपी एस्सार कंपनी की ओर से लेवी के 15 लाख लेने के लिए आई थीं। यह रकम उन्हें नक्सलियों तक पहुंचाना था। पुलिस ने वहां दबिश दी, वहां एस्सार के ठेकेदार और मैनेजर को 15 लाख रुपए के साथ पकड़ा गया था। पुलिस हिरासत में सोनी सोरी को काफी यातना दी गई थी। साल 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। उसके बाद से सोनी मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की मुखर आवाज बन गईं। पिछले साल एनआईए की एक अदालत ने सोनी सोरी को इस मामले में बरी कर दिया।
विरोध में बिजली बिल देना बंद किया है बताया जा रहा है कि सोनी सोरी ने दोषमुक्त होने के बाद सरकार से अपनी नौकरी वापस मांगी है। इसके विरोध में उन्होंने सरकार को बिजली बिल आदि का भुगतान बंद कर दिया है। आखिरी बार उन्होंने फरवरी 2022 में बिजली बिल अदा किया था। उसके बाद से उन्होंने कोई भुगतान नहीं किया। कहा जा रहा है, उनका बकाया 25 हजार रुपए हो चुका है। पिछले महीने कंपनी ने उनके घर का बिजली कनेक्शन काट दिया था। अब उनको 15 दिन में बिल भुगतान का नोटिस देकर कनेक्शन जोड़ दिया गया है।
आखिर क्यों नहीं दी जा रही है सरकारी नौकरी?
सोनी सोरी ने दोषमुक्त होने के बाद सरकार से अपनी नौकरी वापस मांगी है। अब तक सरकार खामोश है क्यों ?
खबर फ़्लैश की जा रही है कि सोनी सोरी ने बिजली का बिल नहीं भरा था इसलिए उनकी लाइट काट दी गई थी
और राहुल गांधी के सामने पत्रकार मंदीप पूनिया द्वारा सवाल उठाने पर आनन-फानन में जोड़ दी गई है
कुछ लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि इसमें सरकार की क्या गलती है अगर बिल नहीं चुकाओगे तो बिजली तो कटेगी ही
असली मुद्दा यही है कि बिजली का बिल सोनी सोरी क्यों नहीं चुका पाई ?
असल में सोनी सोरी एक सरकारी टीचर थी
भाजपा सरकार ने आदिवासियों के मुद्दे उठाने के कारण सोनी सोरी को जेल में डाला बिजली के झटके दिए उनके गुप्तांगों में पत्थर भर दिए और उन्हें जेल में डाल दिया
सोनी सोरी के ऊपर 7 फर्जी मामले बना दिए गए
वह जमानत पर बाहर आई तो उनके चेहरे पर तेजाब डाल दिया गया
11 साल बाद सोनी सोरी सभी मामलों में अदालत द्वारा निर्दोष घोषित कर दी गई
नियम के अनुसार इसके बाद अब सोनी सोरी को उनकी सरकारी नौकरी में वापस लिया जाना चाहिए
वह इस बाबत दो बार कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात कर चुकी है
सोनी सोरी को नौकरी वापस नहीं मिली इसलिए सोनी के पास बिजली का बिल चुकाने का पैसा नहीं है
सोनी के पास पैसा ना होना सरकार की गलती के कारण हुआ है
क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है
इसलिए सवाल कांग्रेस से ही पूछा गया है
सवाल पूछना विरोध करना नहीं होता