छत्तीसगढ़ में आदिवसी आरक्षण को लेकर मचे घमासान के बीच सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। राज्य सरकार ने तीन आइएएस अधिकारियों की टीम को महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक भेजा है। इस रिपोर्ट को 24 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा, जिस पर विचार-मंथन होगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता और मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि एक-दो दिसंबर को होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र की तैयारियों को लेकर कैबिनेट की बैठक बुलाई जा रही है। एसटी, एससी और ओबीसी के आरक्षण को लेकर प्रस्ताव आना है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सदन में पेश किया जाएगा।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर चल रहे असमंजस के बीच मंत्री चौबे ने कहा कि इस सत्र में आवश्यकता होगी तो अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री चौबे के बयान से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार विशेष सत्र को स्थगित करने की जगह कुछ दिन और सदन की कार्यवाही को चला सकती है। इसमें अनुपूरक बजट और विधेयक पेश कर सकती है। इस दौरान शासकीय कार्य भी होने की संभावनाएं हैं
चौबे ने विधानसभा के विशेष सत्र पर कहा कि भाजपा के पास बोलने के लिए कुछ रखा नहीं है। न्यायालय में क्या-क्या दस्तावेज भाजपा ने पेश किए, सदन में सबके सामने आ जाएगा। आरक्षण के लिए सीधे दोषी भाजपा की तत्कालीन सरकार है। अनियमित कर्मचारियों की पदयात्रा पर चौबे ने कहा कि अलग-अलग विभागों से जानकारियां मंगाई गई हैं। अनियमित कर्मचारियों को भी सरकार पर भरोसा हो चला है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। अलग-अलग विभागों से जानकारी मंगाई जा रही है।