कांग्रेस पार्टी ने बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे तय कर लिए हैं.
कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र को लेकर शनिवार को एक बैठक की. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
इस बैठक के बारे में संचार प्रमुख जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया ,”बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जिन मुद्दों का ज़िक्र किया वो हैं- बेरोज़गारी, किसानों के लिए एमएसपी क़ानून की गारंटी, मूल्यवृद्धि और महंगाई, साइबर क्राइम, यूपीए के कार्यकाल में अधिकार आधारिक क़ानून बनाया गया था, आरटीआई, मनरेगा, वन अधिकार अधिनियम, चीन के साथ बरकरार तनाव, संवैधानिक संस्थाएं जिनकों कमज़ोर किया जा रहा है और जिनमें सरकार का हस्तक्षेप हमें रोज़ देखने को मिल रहा है.”
उन्होंने कहा, “मोरबी पुल के गिरने के मुद्दे को भी उठाया गया. न्यायपालिका और सरकार के बीच में जो तनाव बनाया जा रहा है, डॉलर के संदर्भ में रुपये के मूल्य में आई गिरावट, आर्थिक स्थिति जो काफ़ी निराशाजनक है, साथ ही उत्तर भारत में वायु प्रदूषण, कश्मीर पंडितों की टारगेट कीलिंग हुई, उस पर भी बात हुई.”
जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस की ओर से तीन बड़े मुद्दों पर बात हुई.
उन्होंने कहा पहला मुद्दा ये है कि, ”22 महीने से चीन के साथ सीमा पर तनाव बरकरार है और इस पर संसद में बहस नहीं हुई है. जब नवंबर 1962 में, आज से ठीक साठ साल पहले, चीन का आक्रमण हुआ था तब संसद में बहस हुआ करता था, प्रधानमंत्री सब की बातें सुना करते थे जवाब देते थे. आज की स्थिति देखिए, पिछले 22 महीने से विपक्ष कोशिश कर रही है कि बहस हो लेकिन हमें सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है.”
हम सिर्फ़ आलोचना के लिए ये बहस नहीं चाहते हैं. हम एक सामूहिक संकल्प बना सकते हैं इस पर और इसका एक तरीक़ा है पार्लियामेंट के अंदर बहस होना.”
“दूसरा मुद्दा है आर्थिक स्थिति का. महंगाई, बेरोज़गारी, जीएसटी, जो चुने हुए उद्योगपतियों को सार्वजनिक संपत्तियां बेची जा रही हैं.”
जयराम रमेश ने कहा, “आंकड़े बताते हैं कि निर्यात गिर रहा है. डॉलर-रुपये के मूल्य में भारी गिरावट आई है. तो इस पर हम बहस करना चाहेंगे.”
“वहीं तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा है हमारे संस्थानों के बारे में.”
जयराम रमेश ने कहा, “जो स्वतंत्र संस्थाएं हैं, संवैधानिक संस्थाएं हैं. जैसे मीडिया, न्यायपालिका, चुनाव आयोग ऐसी संस्थाएं हैं, जिनमें हस्तक्षेप हो रहा है. जिनको प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय का एक अंग बनाया जा रहा है.”
जयराम रमेश बोले कि कांग्रेस पार्टी इन तीन बड़े मुद्दों पर बहस चाहेगी.