तर्जमा : दीन आसान है।
सबक २ | हदीस नंबर २ इबादात पर
مفْتَاحُ الْجَنَّةِ الصَّلَاةُ।
(मुस्नदे अहमद १४६६२, जाबिर
तर्जमा : जन्नत की कुंजी (चाबी)
नमाज़ है।
सबक ३ | हदीस नंबर ३ मुआमलात पर
مَنْ غَشَّ فَلَيْسَ مِنَّا।
(तिर्मिज़ी १३१५, अबू हुरैरह )
तर्जमा : जो धोका दे वो हम (मुसलमानों) में से नहीं ।
सबक ४ | हदीस नंबर ४ मुआशरत पर
السَّلَامُ قَبْلَ الْكَلَامِ।
( तिर्मिज़ी २६९९, जाबिर 23)
तर्जमा : बात करने से पेहले सलाम करो ।
सबक ५ | हदीस नंबर ५ अख्लाकियात पर
क
عَلَيْكُمْ بِالصِّدْقِ।
(मुस्लिम ६८०५, अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद ) तर्जमा : हमेशा सच बात कहो ।