रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी रंगत निखरती जा रही है और राजनीतिक बिफरती जा रही है। चुनावी साल का रथ अपने गंतव्य पर निकल पड़ा है। कांग्रेस के लिए चार साल सुहाने रहे। मगर भाजपा के लिए कह सकते हैं कि पूछो न मैंने कैसे रैन बिताई, इक युग जैसे इक पल बीता। वैसे तो हर दिन कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव चल रहा है मगर अब यह चरम की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तीखे तेवर दिखा रहे हैं तो भाजपा पूरी गति से जवाब दे रही है। अब मुख्यमंत्री ने बजरंगियों पर टिप्पणी कर दी तो भाजपा ने नरम और गरम तरीके से दोहरा हमला बोला।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने सधे अंदाज में विरोध दर्ज कराया तो प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने आक्रामक रुख अपनाया। साव का कहना है कि बजरंग बली और भगवा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जो बयान आया है, वह आपत्तिजनक और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में कौन गुंडई कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ को कौन लूट रहा है और किसके संरक्षण में धर्मांतरण हो रहा है, यह आज छत्तीसगढ़ की जनता भलीभांति जान रही है। यह भूपेश बघेल की हिंदू विरोधी मानसिकता है और यह दर्शाता है कि वह हिंदुओं से कितनी घृणा करते हैं। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगें और भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होगी, यह उन्हें बोलना होगा। चौधरी का कहना है कि भगवाधारी नहीं, भूपेश बघेल के अफसर वसूली बाज और कांग्रेसी हिस्ट्रीशीटर गुंडे हैं। हिंदू सनातन धर्म संस्कृति के घनघोर विरोधी पिता पुत्र ने सनातन संस्कृति और उसके प्रतीकों के साथ साथ हिंदुत्व की धर्म ध्वजा फहराने वालों को गरियाने का ठेका ले रखा है। पिता सनातन संस्कृति की आत्मा प्रभु श्रीराम का अपमान करने को अपना परम धर्म मानते हैं और बेटा राम भक्त हनुमान जी के आराधकों को अवैध वसूली करने वाले गुंडे कह रहे हैं। यह सरकार है या हिंदू धर्म विरोधी षड्यंत्रों की पाठशाला है अथवा अधर्मियों का वह शिविर है, जहां हिंदुत्व का तिरस्कार करने के नित नए प्रयोग किए जाते हैं। तुष्टिकरण की खातिर भगवा ध्वज का अपमान करने वालों को संरक्षण देने वाले मुख्यमंत्री, सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाले मुख्यमंत्री हनुमान भक्तों को वसूलीबाज गुंडे कह रहे हैं। जबकि कोयले से लेकर हर मामले में अवैध वसूली किसके संरक्षण में हो रही है, किसके अफसर जेल में हैं, यह जग जाहिर है।
ओ पी चौधरी कह रहे हैं कि बजरंगी यानी हनुमान जी के अनुयायी गुंडे नहीं हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने वाले गुंडे नहीं हैं। जो भगवा धारण करते हैं वे भगवान राम के भक्त हैं। वसूली करने वाले नहीं हैं। हिस्ट्रीशीटर गुंडे तो कांग्रेसी हैं जो प्रदेश भर में गुंडागर्दी, अवैध वसूली और बलात्कार कर रहे हैं। चौधरी ने हमला बोला है कि मुख्यमंत्री ने हनुमान जी का और हिंदुत्व के प्रतीक भगवा वस्त्र का अपमान किया है। मुख्यमंत्री की घटिया टिप्पणी भगवान राम का अपमान है। हिंदू धर्म के खिलाफ कांग्रेस की नफरत किसी से छुपी नहीं है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंदू शब्द को बहुत गंदा शब्द कहा था, तब भी यह चुप रहे और आज भगवा पहनने वालों को, भगवान हनुमान के अनुयायियों को, हनुमान चालीसा पढ़ने वालों को गुंडा कह रहे हैं। इससे ज्यादा घृणित सोच और संकुचित मानसिकता नहीं हो सकती। यह हिंदुत्व का दुर्भाग्य है कि ऐसा हिंदू विरोधी व्यक्ति इस प्रदेश का मुख्यमंत्री है। बात यह है कि मुख्यमंत्री ने बजरंगियों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें गुंडे और वसूली करने वाले करार देते हुए कह दिया कि भगवा गमछा पहनने से कुछ नहीं होता। त्याग करना पड़ता है। इन्होंने कौन सा त्याग किया है। मुख्यमंत्री अपनी बात केवल धर्म दर्शन अध्यात्म तक रखते तो फिर सियासी बखेड़ा खड़ा नहीं होता। किंतु बघेल जी राजनीतिज्ञ हैं तो उनके अंदाज राजनीतिक ही हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने बजरंगियों को निशाना बनाया तो भाजपा अध्यक्ष और महामंत्री ने धर्मांतरण से लेकर तुष्टिकरण और हिंदुत्व के अपमान के आरोप लगा दिए। वैसे अभी तो खेल आरंभ हुआ है। चुनाव तक बहुत कुछ नजारे सामने आएंगे। बस देखते रहिए।