हम देंगे आम जनता को बुनियादी सुविधाओं का अधिकार
- इसलिए बनाओ अबकी बार राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा की सरकार भारतीय संविधान, भारत राष्ट्र एवं मानव अधिकारों के रक्षार्थ उद्देश्यों से राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत के हर परिवार स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अनवरत गठन किया जा रहा है ताकि भारत देश को विश्व की एक निर्णायक शक्ति बनाया जा सके ।
- हम छत्तीसगढ़ के मिशन 2023 के विधान सभा चुनाव के लिए 10 राजनैतिक छोटी किन्तु प्रभावशाली राजनैतिक पार्टीयां तथा 100 सामाजिक संगठनों को संयुक्त मोर्चा में जोड़कर संविधान वादी सरकार का गठन करना चाहते है ।
- छत्तीसगढ़ राज्य को एक विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए ही जातिभेद, साम्प्रदायिकता एवं लिंग भेद, पुँजीवाद एवं छुआछुत से मुक्त आदर्श राज्य की स्थापना की जायेगी ।
- 26 जनवरी सन् 1950 के दिन भारत देश का संविधान लागू होते ही अनुच्छेद 19 के देश के समस्त नागरिकों को समता, स्वतंत्रता, न्याय और इज्जत आजादी के साथ जीने के तहत अधिकार कानूनी तौर पर सुनिश्चित हो चुके हैं, इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 13 के तहत पुराने समस्त जातिभेद, लिंगभेद, छुआछुत अमीर-गरीब के समस्त भेदभाव के आधार पर चलने वाले पुराने नियम मानूनों को समाप्त कर दिया गया। सदियों से चले आ रहे इन्ही अमानुषिक और शोषणकारी नियमों वाली व्यवस्था से शोषित पीड़ित वंचित वर्गों को आरक्षण, संरक्षण की व्यवस्था भारत के संविधान में उन्हें कुछ हद तक बराबरी में लाने के लिए सुनिश्चित की गई है ताकि भारत देश से उपरोक्त जातिभेद, लिंगभेद, छुआछुत को समूल नष्ट किया जा सके ।
- जाति आधार पर आरक्षण, जातिवादी व्यवस्था में भेदभाव और छुआछूत को समाप्त करने के उद्देश्य से समतामूलक समाज व्यवस्था के निर्माण के लिए एक कारगर प्रयास था, किन्तु कुछ जातिवादी, पुँजीवादी ताकतें इसे हिन्दु राष्ट्रवाद के नाम पर अपना वर्चस्व और फूट डालो, राज करो की नीयत से इसका गलत उपयोग करने पर तथा इसे बनाये रखने के लिए आमादा हैं, तो दूसरी तरफ वही ताकतें आरक्षण को बढ़ावा देते रहने का भी पाखण्ड अपना रही है। जिसमें इनका दोगला चरित्र छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सर्वसम्मत 76 प्रतिशत आरक्षण के बिल को विध- नसभा से पारित किया गया जिसमें कांग्रेस एवं भाजपा सहित सभी पार्टियों का समर्थन रहा है। किन्तु भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा घोषित महामहिम राज्यपाल द्वारा उसे अनावश्यक लटकाया जा रहा है। इससे पता चलता है कि यह किस पार्टी का खेल है। जिसे सारी
जनता अब समझ रही है। निश्चित भारतीय जनता पार्टी और उनकी केन्द्र के भाजपा सरकार इसमें पुरी तरह जिम्मेदार नजर आ रही है। 6. राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ में सर्वसमाज के लिए प्रस्तावित 78 प्रतिशत आरक्षण को
अनुसूचित जाति के 13 प्रतिशत को हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार 3 प्रतिशत और बढ़ाकर सर्वसमाज का आरक्षण 80 प्रतिशत करके फिलहाल हम समर्थन करते हैं ताकि छत्तीसगढ़ में शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहूलत होगी। किन्तु इसे तत्काल लागू करके सर्वसमाज के बेरोजगारों को नौकरी या शैक्षणिक आरक्षण को रोका गया तो कांग्रेस और भाजपा दोनो पार्टियों की सरकारों के खिलाफ आंदोलनात्मक कार्यवाही करने बाध्य हो जायेंगे ।
- राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत देश की समग्र समस्याओं का निदान आरक्षण को नहीं मानता, किन्तु जब तक जातिवाद सरकारों द्वारा बनाया जा रहा है, तब तक समाज के सभी वर्गों को इनकी जनसंख्या के अनुसार आरक्षण सुनिश्चित होना ही चाहिए, इसके साथ ही महिलाओं को भी उनकी जनसंख्या के अनुसार निर्धारण हो ।
- राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत देश के समस्त जरूरतमंद, बेरोजगारों तथा संविदा कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 25000/- मासिक वेतन का रोजगार तथा योग्यतानुसार इससे अधिक 250000/- मासिक वेतन का रोजगार दिलाने की गारंटी के साथ ही आम जनता को बुनियादी सुविधाएं जिसमें शिक्षा, चिकित्सा स्वच्छ पेयजल, बिजली, पक्की सड़कें, पक्के आवास तथा इज्जत और आजादी के साथ जीने के सम्मानजनक अवसरों की गारंटी देने के लिए सरकार बनाना चाहता है । 9. राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत मिशन 2024 के लिए भी देश के लोकसभा चुनाव हेतु 1 लाख सामाजिक संगठनों तथा 100 राजनैतिक पार्टियों को संगठित कर केन्द्र की सत्ता पर स्थापित होगा।
10 . राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा, राजनैतिक पार्टीयों एवं सामाजिक संगठनों के पीछे ज्यादा वक्त न गंवा कर मुख्य रूप से पब्लिक एवं समाज के देशभक्त, संविधानवादी एवं मानवतावादी पर्सनाल्टी (सखशियतों) को जोड़ने पर ज्यादा जोर दे रहा है। हम वास्तव में इसे पी.पी.पी. मॉडल यानि पब्लिक, पर्सनालीटी, पार्टनर्शीप की सरकार बानायेंगे।