कांग्रेस के संविधान में 6 बड़े संशोधन

कांग्रेस के संविधान में 6 बड़े संशोधन

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में कई अहम फैसले लिए गए हैं। कांग्रेस ने अपने संविधान में 6 बड़ा संशोधन किया है।

पहला: सामाजिक न्याय की क्रांति का आगाज

कांग्रेस के सीनियर नेता रणदीप सुरजेवाला ने महाधिवेशन के मुख्य मंच से कांग्रेस पार्टी की संविधान में संशोधन की जानकारी देते हुए बताया कि देश में सामाजिक क्रांति लाने के लिए पार्टी के संविधान में ये संशोधन किए गए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की जरूरत के हिसाब से काग्रेस ने अपने आप को बदला है। कमेटी ने अनुमोदन किया है कि पार्टी के पदों में एससी, एसटी, ओबीसी, महिला और युवाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण होगा। सुरजेवाला ने बताया कि पार्टी के अहम पदों पर 50 साल से कम उम्र के नौजवानों और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

तीसरा: रचनात्मक कदम

इसके अलावा बूथ कमेटी, पंचायत कमेटी के सदस्य भी प्रदेश कांग्रेस इकाई के सदस्य होंगे। इसके लिए भी कांग्रेस ने अपने संविधान में संशोधन किया है। ग्राम पंचायत कमेटी के सदस्य ऑटोमेटिक पीसीसी के सदस्य हो जाएंगे।

चौथा: प्रगतिशील बदलाव

कांग्रेस के सदस्यता फॉर्म में अब मां और पत्नी का भी नाम होगा। पहले सदस्यता फॉर्म में सिर्फ पिता का नाम शामिल होता था। इसके अलावा सदस्यता फॉर्म में थर्ड जेंडर का भी विकल्प दिया जाएगा। सुरजेवाला ने बताया कि राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के समक्ष ये मुद्दा उठाया था कि हमें मेंबरशिप फॉर्म में थर्ड जेंडर को भी मेंशन करना चाहिए।

पांचवां: राजीव गांधी के पंचायती राज का सपना

सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायती राज का सपना देखा और उसे लागू किया। कांग्रेस पार्टी ने पंचायत स्तर पर कार्यकर्ताओं को ताकत देने के लिए निर्णय लिया है कि ब्लॉक स्तर पर जहां जहां कांग्रेस के चुने हुए सदस्य हैं, पीसीसी की ऑटोमेटिक डेलीगेट्स होंगे। इसके लिए पार्टी के संविधान में संशोधन किया गया है।

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