85 करोड़ की ठगी में 62 जालसाज गिरफ्तार, 3 नाइजीरियन भी शामिल; इन पर एक हजार 435 केस

85 करोड़ की ठगी में 62 जालसाज गिरफ्तार, 3 नाइजीरियन भी शामिल; इन पर एक हजार 435 केस

रायपुर रेंज साइबर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत 85 करोड़ की ठगी मामले में 62 जालसाजों को गिरफ्तार किया, जिसमें 3 नाइजीरियन शामिल हैं। ठग म्यूल बैंक अकाउंट का उपयोग कर साइबर अपराध करते थे। पुलिस ने 1,100 अकाउंट्स की जांच के बाद यह कार्रवाई की।

साइबर रेंज पुलिस ने नवा रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे तीन नाइजीरियन छात्र एबदुलाजीज बेना राबीयू, बसीर सुलेमान और अमीनू गरबा को गिरफ्तार किया है। इन पर हॉस्टल और विवि में पढ़ाई करने के साथ ठगी करने का आरोप है।

पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपितों द्वारा डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाइसी अपडेट सहित अन्य ठगी में इनका हाथ था। वहीं ठगी की रकम को दूसरे खातों में ट्रांसफर करते थे। यूनिवर्सिटी में 70 से ज्यादा नाइजीरिया के छात्र पढ़ाई करते हैं।

इस मामले में जल्द ही बैंक के कर्मचारी, ब्रोकर सहित अन्य की गिरफ्तारी की जा सकती है। सात अलग-अलग ठगी के मामलों में दो दिन तक चली कार्रवाई में 62 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

इसमें म्यूल बैंक अकाउंट धारक, संवर्धक, ब्रोकर, ठगी करने वाले शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध देश के विभिन्न राज्यों के थानों में 1,435 मामले दर्ज हैं। इसमें आरोपितों द्वारा पीड़ितों से 84 करोड 88 लाख रुपये की ठगी की गई है।

आरोपितों ने ठगी के मामले में म्यूल बैंक खाते के लिए ठगों को अपने खाते बेचे। इसके बदले में इनके द्वारा एक लाख रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पैसे लिए गए। वहीं कुछ ने खाते में आने वाली रकम का 10 से 20 प्रतिशत लिया। इसके अलावा पांच से 10 हजार रुपये में भी खाते बेचे गए।

11 सौ म्यूल बैंक की जांच के बाद कार्रवाई
साइबर क्राइम पोर्टल में 1,100 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट की जांच की गई। जांच कार्रवाई में पीड़ितों की पहचान कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी एकत्र की गई।

साइबर क्राइम पोर्टल की रिपोर्ट, बैंक खाते में हुए ट्रांजैक्शन, एक ही व्यक्ति के अधिक बैंक अकाउंट एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाने और अकाउंट का डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी एप, क्रिप्टो करेंसी में इंवेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाइसी अपडेट एवं गूगल सर्च जैसे साइबर अपराध में उपयोग करने वाले लोगों को चिह्नांकित किया गया।

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