आप जैसे ही लखौली, जवाई बांधा और टेमरी के रीपा सेंटर पहुंचेंगे तो देखेंगे कि बच्चे मोबाइल पर पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हें यहां तीन जीबी रोज मिल रहा है। पुश्तैनी काम को आधुनिक तरीके से करने की ट्रेनिंग मिल रही है। इतना ही नहीं, जो लोग अपने काम में माहिर हैं, उन्हें दुकान भी दी जा रही है, लेकिन इस शर्त पर कि वे लोग पांच लोगों को रोजगार देंगे। ये प्रोजेक्ट है रीपा, यानी महात्मा गांधी रूलर इंडस्ट्रीयल पार्क। पूरे प्रदेश में रीपा के 300 सेंटर खुलने हैं।
रायपुर में तीन सेंटर की शुरुआत हो चुकी है। हर सेंटर को काम के लिए दो दो करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस समय रायपुर के टेमरी, जवाई बांधा और लखौली में एक दर्जन से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं। इन सारे कामों के लिए शासन एक रीपा मैनेजर भी नियुक्त करने जा रहा है। मैनेजर ही रीपा प्रोजेक्ट की देखरेख करेगा। रीपा योजना के तहत रायपुर जिले में कुल 10 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। वर्तमान में टेमरी, जवाई बांधा और लखौली में तैयार कर लिया गया है।
इसे तीन एकड़ की जमीन पर बनाया जा रहा है। इसका निर्माण गांव के गौठानों में खाली पड़ी जमीन पर किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग परंपरागत व्यवसायियों के उत्पाद के लिए अलग-अलग हाॅल का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा बिजली, शौचालय, वाईफाई की भी व्यववस्था की गई है। वाईफाई की सुविधा शुरू होते ही यूपीएससी, बैंकिंग, सेना आदि की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र इन सेंटरों में आकर पढ़ाई कर रहे हैं। एक दिन में एक छात्र तीन जीबी डेटा का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए कर सकते हैं।
रीपा पार्क में होंगे ये काम
रीपा पार्क योजना से बढ़ई गुड़ी, प्रिंटिंग इकाई, रजक गुड़ी, मोची गुड़ी, मूर्तिकला, दोना पत्तल निर्माण इकाई, गद्दा निर्माण इकाई, मसाला पैकिंग इकाई आदि काम हो रहे हैं।
“रीपा में 24 घंटे फ्री वाईफाई की सुविधा दी जा रही है। इससे छात्र वहां आकर आसानी से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। इसके साथ पारंपरिक कामों के लिए जैसे बढ़ई गुड़ी, कुम्हार गुड़ी, लोहार गुड़ी आदि लोगों के लिए दुकान दी जा रही है। यहां से वह अपना पारंपरिक व्यवसाय कर सकेंगे।