पाकिस्तान में सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव और बढ़ गया है.
गुरुवार को पाकिस्तान की संसद ने पंजाब चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव पारित कर इस मामले को एक पूर्ण बेंच के हवाले करने की मांग की है.
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल के नेतृत्व वाली बेंच ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख़ 14 मई तय की थी.
शीर्ष अदालत ने इस चुनाव को 8 अक्टूबर तक टाले जाने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फ़ैसले को रद्द कर दिया था.
इस फ़ैसले को गठबंधन सरकार ने आक्रोष जताते हुए ख़ारिज कर दिया था जबकि चुनाव आयोग ने फैसले के मुताबिक चुनाव की संशोधित तारीख़ें जारी कीं.
सरकार का कहना है कि चुनाव को टालने का उसे अधिकार है और वो अगस्त में आम चुनावों के साथ ये विधानसभा के चुनाव करा सकती है.
हालांकि, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ पार्टी जल्द चुनाव कराए जाने का दबाव बना रही है.
उसकी मांग है कि पंजाब का चुनाव टालने की बजाय संसद को भंग करके देश में जल्द आम चुनाव कराए जाएं.