राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी ही सरकार के खिलाफ़ सवाल खड़े किए हैं.
पायलट ने कहा, “दिसम्बर 2013 में हम चुनाव हार गए थे, मुझे सोनिया गांधी ने पार्टी की जिम्मेदारी दी. वसुंधरा राजे की सरकार की गलत नीतियों का हमने विरोध किया. ख़ास तौर पर हमने भ्रष्ट्राचार के मुद्दों को उठाया, जिसका परिणाम हुआ कि उनकी सरकार चली गई.”
सचिन पायलट ने कहा, “हम विपक्ष में थे, उस समय हमने कहा था कि हम बीजेपी सरकार के भ्रष्ट्राचार की जांच करेंगे.”
“मैंने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा, 28 मार्च, 2022 को पहली चिठ्ठी लिखी थी. लेकिन, उसका कोई जवाब नहीं आया.
सचिन पायलट ने कहा कि 2 नवम्बर, 2022 को दूसरा पत्र लिखा. लेकिन, उसका जवाब भी हमें नहीं मिला.
पायलट ने कहा, “जबकि हम चाहते थे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं रहे. खनन, ज़मीन घोटाले सहित अन्य मामलों की मांग उठाई थी. लेकिन, उनका कोई जवाब हमें नहीं मिला.”
उन्होंने मीडिया को बताया, “अगर वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच नहीं हुई, तो हमारे कई विरोधी यह भ्रम फैलाएंगे कि हमारी इनसे मिलीभगत है.”
“इसलिए, हम चाहते है कि वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए. क्योंकि चुनाव में अब सात महीने से भी कम का समय बचा है. ऐसे में जनता को नहीं लगना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में अंतर है. क्योंकि, हमने जनता से वादा किया था कि जब हमारी सरकार आएगी तो हम इनके भ्रष्ट्राचार की जांच करवाएंगे.”
उन्होंने आगे कहा मैं 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिन के अनशन पर बैठूंगा. वसुंधरा राजे की सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर अनशन पर बैठूंगा.