जानिए चीन-अमेरिका का क्या होगा हाल
संयुक्त राष्ट्र ने भारत की आर्थिक तरक्की की दर के बीते साल के मुक़ाबले सुस्त होने का अनुमान जाहिर किया है.
संयुक्त राष्ट्र ट्रेड एंड डेवलपमेंट कॉन्फ्रेंस (यूएनसीटीएडी) का अनुमान है कि साल 2023 में भारत की आर्थिक प्रगति की रफ़्तार छह प्रतिशत रहेगी. साल 2022 में ये दर 6.6 फ़ीसदी थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत की तरक्की दर 6.6 प्रतिशत रही. जी 20 देशों में आर्थिक तरक्की की सबसे तेज़ रफ़्तार सऊदी अरब की रही. जहां दर आठ प्रतिशत रही.
यूएनसीटीएडी ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वैश्विक स्तर पर तरक्की की रफ़्तार 2.2 फ़ीसदी से घटकर 2.1 प्रतिशत रहेगी. इसने सितंबर 2022 में 2.2 फ़ीसदी की दर से तरक्की होने का अनुमान लगाया था.
संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने कहा है कि विकासशील देशों के लिए ये मुश्किल भरे साल हैं. इसकी वजह दुनिया की आर्थिक मंदी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की ओर से खर्च में कमी हुई है लेकिन निर्यात बढ़ रहा है. ऐसे में 2023 में भारत की जीडीपी छह फ़ीसदी रहने का अनुमान है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी निवेश में और खपत में तेजी के साथ निर्यात में इजाफ़े का सकारात्मक असर देखने को मिला है. लेकिन ऊर्जा निर्यात करने से मुद्रा भंडारण का बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल तीन फ़ीसदी की दर से तरक्की करने वाले चीन में 2023 में तरक्की दर 4.8 रह सकती है. अमेरिका ने 2022 में 2.1 फ़ीसदी की दर हासिल की थी लेकिन उसके लिए 0.9 फ़ीसदी का अनुमान जाहिर किया गया है.