किसानों ये एलान भी किया, ‘हमने पहले फ़सल बचाई, अब नस्ल बचाएंगे.’ इस नारे को किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है
“किसानों का एलान” पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की किसान यूनियनों से लेकर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), मज़दूर संगठन, महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले समूह और कांग्रेस पार्टी नेता राज बब्बर सब यहां पिछले दो हफ़्तों से यौन शोषण मामले पर कार्रवाई न होने के ख़िलाफ़ धरने पर बैठी महिला पहलवानों के समर्थन में पहुंचे थे.
पिछले तीन महीनों में महिला पहलवानों का, जिसमें साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और उनके समर्थन में उतरे बजरंग पुनिया भी शामिल हैं, ये दूसरा धरना है.
पहले धरने के बाद सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था लेकिन बात फिर आगे नहीं बढ़ी और पहलवान 23 अप्रैल से फिर से धरने पर हैं. इस बार सुप्रीम कोर्ट के दख़ल के बाद दिल्ली पुलिस ने एफ़आईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन अब तक अभियुक्त बृज भूषण सिंह को गिरफ़्तार नहीं किया गया है जिसकी मांग एथलीट कर रहे हैं.
बृजभूषण शरण सिंह ने अपने बचाव में कहा है कि हरियाणा की लॉबी राजनीतिक कारणों से उनके ख़िलाफ़ मुहिम चला रही है.
हालांकि पिछली दफ़ा जब महिला पहलवान धरने पर बैठी थीं तो उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल को मंच शेयर नहीं करने दिया था.