सब का करियर एक जैसा नहीं बनता। जिसका बन जाता है वो बहुत खुश रहता है। जिसका नहीं बनता वो क्या करता होगा। सभी की अपेक्षाएं होती हैं कि बेटा क्या करेगा, ये करेगा वो करेगा। पेरेंट्स को लगता है प्रेशर नहीं है, एग्जाम ही तो है। पर ऐसा नहीं है। बहुत सारी चीजें हमारे माइंड में भी रहती हैं। ये कहते हुए प्रभात ने मौत को गले लगा लिया।
प्रभात कुमार निषाद डॉक्टर बनने के लिए नीट की तैयारी कर रहा था। वो बेमेतरा जिले के बेरला के रहने वाले शिक्षक कमलेश निषाद का बेटा था। नीट की तैयारी के चलते पिछले एक साल से अपना घर छोड़कर दुर्ग जिले के नेवई में किराये के मकान में रहता था। दो बार नीट का एग्जाम दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
प्रभात के दोस्त के मुताबिक, शायद प्रभात जान चुका था कि मेडिकल की पढ़ाई उससे नहीं की जा रही है। लेकिन पिता का अरमान पूरा करने के लिए वह अपने मुताबिक करियर नहीं बना पा रहा था। हर बार उसके ऊपर डॉक्टर बनने का दबाव बढ़ता जा रहा था। इसलिए उसने हमेशा के लिए खामोश रहना ही ठीक समझा।
प्रभात के दोस्त के मुताबिक, शायद प्रभात जान चुका था कि मेडिकल की पढ़ाई उससे नहीं की जा रही है। लेकिन पिता का अरमान पूरा करने के लिए वह अपने मुताबिक करियर नहीं बना पा रहा था। हर बार उसके ऊपर डॉक्टर बनने का दबाव बढ़ता जा रहा था। इसलिए उसने हमेशा के लिए खामोश रहना ही ठीक समझा।
नीट की परीक्षा से एक दिन पहले 6 मई 2023 को प्रभात ने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी से पहले प्रभात ने अपने मोबाइल में दो वीडियो बनाए थे।