ईरान ने एक बार फिर दोहराया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से ‘शांति कार्यों’ के लिए है.
ईरान के सुप्रीम नेता अली खामनेई ने कहा कि अमेरिका के ख़ुफ़िया अधिकारियों ने भी इसे कई बार माना भी है.
उन्होंने पश्चिमी देशों के साथ परमाणु वार्ता के बारे में कहा, ” अगर आप (पश्चिमी देश) इस बारे में समझौता करना चाहते हैं तो समझौता करें.”
उन्होंने कहा, ” परमाणु समझौता करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन वे परमाणु उद्योग के इंफ्रास्ट्र्क्चर को छूने से बचें.”
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने 11 जून को यह ख़बर दी है.
एजेंसी के मुताबिक, ईरान के सुप्रीम नेता अली खामनेई ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ एक बैठक की है.
उन्होंने इसी बैठक में कहा, ” उन्हें (पश्चिमी देश) पता है कि परमाणु उद्योग में प्रगति देश की वैज्ञानिक प्रगति का अहम पहलू है. परमाणु हथियार झूठा बहाना है और उन्हें यह पता है.”
उन्होंने यह कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं चाहता है क्योंकि इस्लाम में यह मना है.
अगर ईरान परमाणु हथियार चाहता तो वह अब तक बना चुका होता. ईरान का परमाणु कार्यक्रम लंबे समय से पश्चिमी देशों के जांच के घेरे में रहा है और इसको लेकर देश पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगे हुए हैं.
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऐसी ख़बरें चल रही हैं कि तेहरान और वॉशिंगटन अंतरिम परमाणु समझौता करने के करीब हैं. हालांकि, दोनों ही देशों के अधिकारियों ने इससे इनकार किया है.
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