पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहले इन पार्टियों को अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि अगले साल होने वाले आम चुनावों में मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. हम इसके लिए सभी कोशिशें करेंगे लेकिन पटना में आज जो बैठक हो रही है उसमें शामिल राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का क्या ट्रैक रिकॉर्ड है.”
इस इंटरव्यू का वीडियो असदउद्दीन ओवैसी ने रीट्वीट किया है.
वीडियो में वो कहते हैं, “क्या ये सही नहीं है कि कांग्रेस के कारण बीजेपी दो बार सत्ता में आई? जब गोधरा कांड हुआ क्या तब नीतीश कुमार रेल मंत्री नहीं थे और क्या वो बीजेपी के साथ गठबंधन कर के मुख्यमंत्री नहीं बने?”
“बीजेपी छोड़कर वो महागठबंधन में शामिल हुए और फिर उसे छोड़कर बीजेपी का हाथ थामा था. रही शिव सेना की बात करें तो क्या वो सेक्युलर पार्टी है.
“क्या शिव सेना ने महाराष्ट्र असेंबली में ये नहीं कहा था कि उन्हें बाबरी मस्जिद गिराए जाने पर गर्व है? आम आदमी पार्टी ने प्रमुख ने अलोकतांत्रिक तरीके से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले में क्या बीजेपी का समर्थन नहीं किया था?”
मुझे एक उर्दू का शेर याद आ रहा है ‘इब्तिदा-ए-इश्क है देखिए होता है क्या’ (अभी तो प्यार शुरू ही हुआ है आगे देखें क्या होता है) और ‘हुनूज दिल्ली दूर अस्त’ (दिल्ली अभी दूर है).