रायपुर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा कार्यालय में देर रात तक चली बैठक

रायपुर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा कार्यालय में देर रात तक चली बैठक

देश के गृह मंत्री अमित शाह रायपुर पहुंच , उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी पहुंचे । दोनों नेता एयरपोर्ट से सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे। वहां शाह ने कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इसके बाद बंद कमरे में शाह की छत्तीसगढ़ भाजपा के सीनियर नेताओं के साथ देर रात तक बैठक चलतीं रही।

बैठक में तय हुआ है कि आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किन मुद्दों और किस अंदाज में जनता के बीच जाने वाली है। अमित शाह कई तरह के फीडबैक पहले ही हासिल कर चुके हैं। प्रदेश के नेताओं से भी शाह ने स्थानीय मसलों पर बातचीत की है।

बैठक का एजेंडा क्या था इसकी जानकारी अमित शाह और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रभारी ओम माथुर को थी। संगठन के चुनिंदा नेताओं को इस बैठक में बुलाया गया था। बड़े नेताओं से अमित शाह की चर्चा देर रात तक चली। अमित शाह प्रदेश कार्यालय में ही रात बिताएंगे और सुबह 11:00 बजे के आसपास उनके दिल्ली लौटने का कार्यक्रम तय है।

अमित शाह के दौरे की वजह से प्रदेश कार्यालय को सजाया गया था। गृहमंत्री को किसी तरह की परेशानी न हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। सुरक्षा के लिहाज से प्रदेश कार्यालय को छावनी में तब्दील किया गया है। आने-जाने वालों पर निगरानी भी रखी जा रही है।

मंडाविया भी साथ आए

रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के क्रिटिकल केयर ब्लॉक का गुरुवार को शिलान्यास होना है। इसी ब्लॉक का शिलान्यास करने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया भी अमित शाह के साथ आए हैं। शिलान्यास के बाद स्वास्थ्य मंत्री छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत भी करेंगे।

ओम माथुर ने क्या कहा…
अमित शाह की बैठक को लेकर ओम माथुर ने कहाथा- चुनावी दौर शुरू है। भाजपा बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर काम कर रही है। सभी बड़े नेताओं से चर्चा होगी। अरुण साव ने कहा था, देश के गृहमंत्री आ रहे हैं, पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। उनका आना हमारे लिए गौरव की बात है।

अमित शाह का टारगेट है छत्तीसगढ़
पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा ने लोकसभा 2024 की तैयारी में है। भाजपा का टारगेट 400 सीट पर जीत हासिल करना है। इसमें भाजपा 160 सीटों को कमजोर मान रही है। इन सीटों पर जीत के लिए रणनीति तैयार की गई है। कमजोर सीटें जिताने की जिम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के जिम्मे है।

इस बीच छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होना है। अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच प्रदेशों और वहां की सीटों का बंटवारा हुआ है। तय किया गया है कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी, उत्तराखंड, एमपी, छत्तीसगढ़ सहित मैदानी हिस्से में मुख्य रूप से अमित शाह प्रचार करेंगे। जबकि, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित अन्य हिस्सा जेपी नड्डा के जिम्मे हैं।

इसलिए लाए गए माथुर
ओम माथुर के जिम्मे प्रदेश के आने वाले दो चुनाव हैं। जिनमें विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं। माथुर यूपी में जीत के बड़े रणनीतिकार माने जाते हैं। अमित शाह और नरेंद्र मोदी के करीबी होने के साथ ही संघ के संपर्क में रहते हैं। महाराष्ट्र में पिछली बार भाजपा की सरकार बनने और नए चेहरे देवेंद्र फडणवीस को CM बनाने के पीछे किंग मेकर माथुर को माना जाता है। इसलिए छत्तीसगढ़ में उन्हें भाजपा को वापस सत्ता दिलाने का जिम्मा मिला है।

अब जानिए शाह छत्तीसगढ़ में किन मुद्दों को देख रहे हैं…
अमित शाह छत्तीसगढ़ सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। ED की कार्रवाइयों से आम लोग समझ चुके हैं कि कांग्रेस नेता और इनके करीबी अफसर घेरे में हैं। पिछली सभा जो कि दुर्ग में हुई यहां शाह ने कहा था कि, केंद्र सरकार ने 74 हजार करोड़ रुपए किसानों के बैंक अकाउंट में भेजा। भूपेश सरकार ने मात्र 12,100 करोड़ रुपए किसानों, गरीबों को दिए। शराबबंदी की घोषणा, 10 लाख नौकरी देने का वादा, बुजुर्ग माताओं को वृद्धा पेंशन जैसे मसलों पर भी शाह ने 22 जून को दुर्ग में हुई सभा में छत्तीसगढ़ कांग्रेस को घेरा था। आने वाले दिनों में कांग्रेस की सियासी मुश्किल बढ़ाने भाजपा कुछ और अभियान प्रदेश में चलाएगी।

Chhattisgarh