नेशनल हाइवे पर बने जिस फ्लाई ओवर का उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी के हाथों होना है, उस फ़्लाईओवर में घटिया निर्माण की पोल तीन महीने में ही खुलने लगी है। 90 करोड़ 89 लाख से ज्यादा की लागत से तैयार इस ब्रिज की सड़क पहली बारिश भी नहीं झेल पाई और ब्रिज के ऊपर सड़क में कई जगह गड्ढे हो गए हैं। अब यहां लीपापोती कर इन गड्ढों को भरने की तैयारी की जा रही है।
निर्धारित समय से 2 साल देरी से बने इस फ्लाई ओवर को तैयार करने में पीडब्ल्यूडी, नेशनल हाइवे, कंसल्टेंट समेत तमाम अधिकारी औपचारिकता निभाते रहे। इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए कई स्तर पर अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इसके बावजूद गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इधर नेशनल हाईवे के अधिकारी खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं, लेकिन जब सड़क के धसने की खबर ट्रैफिक डीएसपी को लगी तो उन्होंने तत्काल ठेका कंपनी और अधिकारियों को इसे ठीक करने को कहा।
इस फ्लाई ओवर में 15 अप्रैल से आवाजाही शुरू कर दी गई थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही यहां सड़क धसने लगी थी,लेकिन उस वक्त भी रातोंं रात इसमें डामरीकरण करके इसे ठीक किया गया था, अब एक बार फिर ब्रिज के ऊपर की सड़क धसने लगी है। नेशनल हाईवे होने की वजह से यहां रोजाना 40 हजार से ज्यादा गाड़ियां गुजरती है, ऐसे में पुल पर हुए स्तरहीन काम को लेकर सवाल उठना तय है।