सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई यानी आज वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे को लेकर अहम बात कही। शीर्ष कोर्ट ने मस्जिद में ASI के सर्वे पर 26 जुलाई यानी 2 दिन तक रोक लगा दी है। कहा कि 26 जुलाई की शाम 5 बजे तक कोई सर्वे ना किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान अगर मस्जिद कमेटी चाहे तो वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकती है। वाराणसी की अदालत ने मस्जिद में ASI सर्वे का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में 24 जुलाई को जब सुनवाई शुरू हुई, जब ASI की टीम ज्ञानवापी में सर्वे कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत वहां पर किसी तरह की खुदाई पर रोक लगा दी। कहा कि हम दोपहर 2 बजे दोबारा इस मामले पर सुनवाई करेंगे। लेकिन 11:50 बजे के आसपास ही कोर्ट ने सर्वे पर रोक का आदेश दे दिया।
कोर्ट रूम में क्या हुआ?
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वकील हुजेफा अहमदी की याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अपडेट्स…
अहमदी: मैं आपसे (सुप्रीम कोर्ट) केवल एक हफ्ते के लिए इसे रोकने का अनुरोध कर रहा हूं। उसी प्लॉट को लेकर, उसी सर्वे को लेकर हाईकोर्ट ने 2021 में रोक लगा दी थी।
अहमदी: क्या मैं अदालत से आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध कर सकता हूं?
CJI डीवाई चंद्रचूड़: मिस्टर अहमदी, यह सिर्फ माप (Measurement) है।
हम आपको एक के बजाय दो हफ्ते का समय दे सकते हैं।
अहमदी: अभी उस साइट पर 30 लोग हैं, जो कार्रवाई कर रहे हैं।
अहमदी: सर खुदाई की जल्दी क्या है? यह संपत्ति 1500 ईसवी से एक मस्जिद के रूप में है। अब इतनी जल्दी क्या है?
अहमदी: मैं अपनी अपील में इस पर बहस करूंगा, लेकिन इस बीच रोक लगनी चाहिए। मैं इसकी अपील करता हूं।
CJI डीवाई चंद्रचूड़: हम आपको बुधवार (26 जुलाई) तक का समय देंगे। कल हाईकोर्ट जाएं। आज से बुधवार शाम 5 बजे के बीच हम कहेंगे कि यथास्थिति बरकरार रहे।
ऐसे हो रहा था ज्ञानवापी में सर्वे
वाराणसी में ASI ने 24 जुलाई को ज्ञानवापी का सर्वे शुरू कर किया था। सील वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे कराने की बात थी।। शुरुआती 3 घंटे के सर्वे में फीता लेकर पूरे परिसर को नापा गया। 4 स्टैंड कैमरे परिसर के चारों कोने पर लगाए गए हैं। उसमें एक-एक एक्टिविटी रिकॉर्ड की जा रही है। तहखाने में अंधेरा ज्यादा होने से सर्वे में दिक्कत हुई। टॉर्च और अन्य लाइट की रोशनी कम पड़ गई। उधर, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार किया। वह सर्वे के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका को लेकर सुनवाई हुई। CJI ने यूपी सरकार से पूछा था कि ASI वहां क्या कर रही है। ज्ञानवापी में सर्वे की यथास्थिति क्या है।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। ज्ञानवापी परिसर से जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर बाहर निकल चुके हैं। थोड़ी देर में सर्वे टीम और दोनों पक्ष के लोग निकलेंगे।
परिसर में लगे पत्थर और ईंट की हाइट नापी
ASI की 4 टीमें परिसर को 4 हिस्सों में बांट कर अलग-अलग सर्वे कर रही थीं। परिसर में लगे पत्थर और ईंट की हाइट नापी गई। नींव के पास से मिट्टी का सैंपल लिया गया। चारों ओर की दीवारों की फोटो-वीडियोग्राफी की गई। सीढ़ियों पर लगे पत्थर के सैंपल लिए गए।
ASI टीम ने ज्ञानवापी के सभी कमरों और बरामदे की फोटो-वीडियोग्राफी की। 30 सदस्यीय ASI टीम 24 जुलाई सुबह 6.30 बजे ज्ञानवापी पहुंच गई थी। 7 बजे से सर्वे शुरू कर दिया था। सर्वे और सावन के सोमवार को देखते हुए वाराणसी को हाईअलर्ट पर रखा गया है। परिसर के बाहर और आसपास 2,000 से ज्यादा जवान तैनात हैं।
मुस्लिम पक्ष के वकील बोले- हमने DM से कह दिया था सर्वे में शामिल नहीं होंगे
रविवार रात दिल्ली, पटना और आगरा से ASI की टीम वाराणसी पहुंची। यहां DM, कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक की। इसके बाद सोमवार सुबह से सर्वे पर सहमति बनी। प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों और उनके वकीलों को बुलाया। हिंदू पक्ष ने सर्वे में सहयोग की बात कही। हिंदू पक्ष के लोग सर्वे टीम के साथ सुबह ज्ञानवापी के अंदर गए हैं।
वहीं, मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला दिया। मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद और रईस अहमद ने कहा, “हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही आगे बढ़ेंगे। कल ही हमने DM को मना कर दिया था कि हम सर्वे में शामिल नहीं होंगे।”