कुछ महीने पूर्व भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ आदिवासी नेता और छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है।
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि पार्टी उन्हें मरवाही विधानसभा से खड़ा करती है तो वे पूरे दमदारी के साथ चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि साय ने यहां औद्योगिक विकास निगम से संबंधित बैठक ली लेकिन इस बहाने उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं का मन भी टटोला। नंद कुमार साय 20 साल पहले भी मरवाही से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तब और अब की स्थिति में फर्क है। जैसा साय कहते आए हैं कि भाजपा के नेताओं ने षडयंत्र पूर्वक उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ मैदान में उतारा था ताकि वे चुनाव हार जाएं और भाजपा का बहुमत आने पर वे मुख्यमंत्री पद का दावा न कर सकें। 2003 के चुनाव परिणाम में यही हुआ। साय को उस चुनाव में केवल 22119 वोट मिले थे और वे जोगी से 54150 वोटों के ऐतिहासिक अंतर से परास्त हो गए थे।
भाजपा में रहने के दौरान नंदकुमार साय लगातार आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग करते थे।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद साय कह चुके हैं कि वे 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि वे रायगढ़ के सरगुजा जिले की किसी सीट से लड़ना चाहेंगे। मरवाही सहित उन सभी सीटों पर जहां साय चुनाव लड़ना चाहते हैं, सन 2018 में कांग्रेस की जीत हुई थी। मरवाही के भी उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। यदि साय की इच्छा पूरी की जाती है तो किसी न किसी मौजूदा विधायक की टिकट काटने की जरूरत होगी।