सोमवार को मॉनसून सत्र के दौरान मणिपुर में हिंसा पर चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर हंगामे का दौर जारी रहा.
सत्ता पक्ष के सांसदों का कहना है कि विपक्ष पहले इस पर चर्चा की मांग तो कर रहा है लेकिन खुद चर्चा करने से भाग रहा है. संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री ने विपक्ष पर ‘घड़ियाली आंसू’ बहाने का आरोप लगाया तो इस पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि सत्ता पक्ष इस मामले में ‘घड़ियाली आंसू भी क्यों नहीं बहा रहा है.’
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा और महिलाओं पर यौन हमले के मामले में सुनवाई भी हुई. जानिए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या टिप्पणियां की और आज संसद में क्या हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर सुनवाई के दौरान क्या-क्या कहा
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर में हिंसा पर दाखिल की गई कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई और चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने राज्य और केंद्र सरकार से इस पर कड़े सवाल भी पूछे.
मणिपुर के यौन उत्पीड़न वाले वायरल वीडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हिंसा का शिकार हुई महिलाओं की पैरवी कर रहे थे.
महिलाओं की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने सीबीआई जांच और केस को असम ट्रांसफर करने का विरोध किया है. वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि “हमने कभी केस को असम ट्रांसफ़र करने की मांग नहीं की थी. हमने ये ज़रूर कहा था कि मामले की जांच मणिपुर से बाहर हो, लेकिन असम में हो ये हमने कभी नहीं कहा.”
सुप्रीम कोर्ट में चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ हुआ, उस पर ये तर्क नहीं दिया जा सकता कि देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसा हो रहा है. इस मामले में चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने राज्य सरकार की तरफ़ से पेश हुए तुषार मेहता से पूछा, ”घटना चार मई की है और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को हो रही है.
पुलिस को 14 दिन क्यों लगे
एफ़आईआर करने में? पुलिस चार मई से 18 मई के बीच क्या कर रही थी?”
चीफ़ जस्टिस ने कहा, ” हम सिर्फ़ एक वीडियो को लेकर चिंतित नहीं हैं. बल्कि हम राज्य में जिस तरह की हिंसा हुई और वहां जो हो रहा है, उसको लेकर पूरी तरह चिंतित हैं.” सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वीडियो वायरल होने के 24 घंटे के भीतर सात गिरफ़्तारियां हुईं. कोर्ट ने इस पर यह भी पूछा कि अब तक कुल कितने एफ़आईआर दर्ज हुए हैं.
संसद में मणिपुर मामले में क्या-क्या हुआ
संसद में आज भी रूल नंबर 267 गूंजता रहा. केंद्र सरकार राज्य सभा में सोमवार को मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार तो हो गई लेकिन विपक्षी दल बार-बार सिर्फ़ 267 के तहत ही सदन में चर्चा पर जोर दे रहे हैं. इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल नेकहा- ”जब मणिपुर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है, तब विपक्ष जो कर रहा है वो देश देख रहा है.
विपक्ष आख़िर क्या मैसेज देना चाह ता है, क्या विपक्ष बहस से भाग रहा है? ये मणिपुर की सच्चाई सामने नहीं लाने दे रहे. इस सदन में हम मणिपुर पर चर्चा आज ही चाहते हैं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
वहीं, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात पर जोर दिया कि सदन मे मणिपुर पर रूल 267 के तहत बहस होनी चाहिए.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करवानी चाहिए. उन्होंने एनडीए के सांसदों से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने और वहां की स्थिति को खुद समझने की भी अपील की