कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह अपराध के दोषी नहीं हैं और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है। पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि अगर उन्हें माफी मांगनी होती और अपराध को कम करना होता, तो उन्होंने बहुत पहले ऐसा कर लिया होता।
राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा है कि शिकायतकर्ता गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपने जवाब में उनका वर्णन करने के लिए ‘अहंकारी’ जैसे निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल केवल इसलिए किया क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
हलफनामे में कहा गया है कि आपराधिक प्रक्रिया और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत परिणामों का उपयोग करके राहुल गांधी को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करना, न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस अदालत द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि एक निर्वाचित सांसद के रूप में अपराध को एक मामूली अपराध मानते हुए और उन्हें होने वाली अपूरणीय क्षति को देखते हुए उनके पास एक ‘असाधारण’ मामला है… दूसरी ओर, शिकायतकर्ता के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं है। इसलिए यह प्रार्थना की जाती है कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए, ताकि वह लोकसभा की चल रही बैठकों और उसके बाद के सत्रों में भाग ले सकें।