केरल विधानसभा ने बुधवार को केरल का नाम केरलम करने का एक प्रस्ताव पास किया है.
ये प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेश किया था जिसे कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ़्रंट (यूडीएफ़) का भी समर्थन हासिल हो गया.
मुख्यमंत्री ने केंद्र से अपील की है कि संविधान की आठवीं अनुसूची समेत सभी भाषाओं में राज्य का नाम केरलम कर दिया जाए.
विजयन ने सदन को बताया कि आज़ादी की लड़ाई के समय से ही राज्य का नाम केरलम चला आ रहा था.
उन्होंने कहा, “लेकिन संविधान में राज्य का नाम केरल लिखा गया था. ये सदन केंद्र सरकार से अपील करती है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत संशोधन कर इसका नाम केरलम करने के लिए वो तत्काल कदम उठाए.”
केंद्र इस इस बदलाव को मंजूर करता है तो दक्षिण भारत में केरल 1956 के बाद नाम परिवर्तन करने वाला चौथा राज्य बन जाएगा.
इससे पहले मद्रास का नाम तमिलनाडु और मैसूर का नाम कर्नाटक रखा गया था.
आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना राज्य बना. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को पहले पोंडिचेरी कहा जाता था.
एक दिन पहले ही केरल विधानसभा ने यूनिफ़ार्म सिविल कोड के ख़िलाफ़ एकमत से प्रस्ताव पारित किया था