लखीमपुर खीरी: दलित बहनों से रेप और हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास

लखीमपुर खीरी: दलित बहनों से रेप और हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पिछले साल 14 सितम्बर 2022 को दो सगी दलित नाबालिग बहनों से गैंगरेप और हत्या मामले में पॉक्सो कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया है.

कोर्ट ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 46-46 हजार रुपये जुर्माना और दो अभियुक्तों पर छह-छह साल जेल की सजा, 5-5 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

एडीजीसी बृजेश कुमार पाण्डेय ने बीबीसी को बताया, “अभियोजन ने अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. अभियोजन पक्ष ने 15 गवाह पेश किए, 24 डाक्यूमेंट्री एविडेंस और 40 वस्तएं, जिनमें पर्स, आधार कार्ड, सिक्के, रुपए, दुपट्टा, गमछा, चप्पल, सीरम से सने कपड़े आदि पेश किए थे. इसके अलावा अदालत में एफएसएल रिपोर्ट और डीएनए की वैज्ञानिक रिपोर्ट भी साक्ष्यों के रूप में सौंपी गई थी.”

एडीजीसी ने बताया कि अदालत ने दो अभियुक्तों जुनैद और सुनील उर्फ छोटू को आजीवन कारावास की सज़ा दी और जुर्माना लगाया. अदालत ने दो अभियुक्तों आरिफ और करीमुद्दीन को साक्ष्य मिटाने के आरोप में छह छह साल की सजा सुनाई है.

मुख्य अभियुक्त जुनैद और छोटू को अपहरण, रेप और हत्या और पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

क्या है मामला?

14 सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निघासन कोतवाली इलाके के एक गाँव में दो सगी नाबालिग बहनों की लाश गन्ने के खेत में एक पेड़ से लटकी मिली थी.

मृतक लड़कियों की माँ ने गाँव के ही सुनील उर्फ छोटू समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में आरोप था कि कुछ लड़के मोटरसाइकिल से दोनों बहनों को अगवा कर ले गए और रेप के बाद हत्या कर दी गई.

घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए दोनों बहनों को उन्हीं के दुपट्टों से लटका दिया गया था. मामले में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त जुनैद समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था.

गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. एजेंसी ने घटना के 15 दिनों के अंदर ही कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.

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