देश आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएं और देश को संबोधित करेंगे। इस बार स्वदेशी 105 mm फील्ड गन से तिरंगे को सलामी दी जाएगी। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का संबोधन बेहद खास हो सकता है। राजधानी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी से कड़ी नजर रखी जा रही है। इस राष्ट्रीय उत्सव के लिए ज्ञान पथ को फूलों और जी-20 के प्रतीक चिह्न से सजाया गया है।
स्वतंत्रता दिवस 2023 का इतिहास
भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास 19वीं सदी की शुरुआत में खोजा जा सकता है, जब भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने गति पकड़नी शुरू की थी। इस आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस सहित कई प्रमुख हस्तियों ने किया था।
- इस आंदोलन को अंग्रेजों से बहुत प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उस समय भारत पर शासन किया था। हालाँकि, आंदोलन लगातार मजबूत होता गया और अंततः 15 अगस्त, 1947 को भारत को आज़ादी मिली।
- 15 अगस्त की तारीख को स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना गया क्योंकि इसी दिन 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम लागू हुआ था। इस अधिनियम ने ब्रिटिशों से सत्ता भारतीय सरकार को हस्तांतरित कर दी।
- पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह 1947 में आयोजित किया गया था। भारत के प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उन्होंने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित किया।
- स्वतंत्रता दिवस भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश है। यह भारत की स्वतंत्रता और एकता का जश्न मनाने का दिन है। यह उन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का भी समय है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।