रायपुर प्रेस क्लब में कांफ्रेंस में विधार्थी ने कहा 1 लाख बी.एड. उपाधिधारको के भविष्य पर विराम लग गया है।छ.ग. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 4 मई 2023 को सहायक शिक्षक संवर्ग हेतु सरगुजा एवं बस्तर समाग के लिए 6285 पदो के लिए आवेदन आमांत्रित किया गया था तत्पश्चात व्यापम के माध्यम से 10 जून 2023 को परीक्षा आयोजित की गई थी एवं 02 जुलाई 2023 को उक्त परीक्षा की परिणाम जारी की गई थी।
महोदय जी उक्त परीक्षा के परिणाम जारी होने तक बी. एड. प्रशिक्षणार्थी अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रक्रिया में पात्र श्रेणी में रखा गया था किन्तु अचानक लोकशिक्षण संचालनालय छ.ग. शासन द्वारा 228082023 को अधिकारिक सुचना जारी कर बी.एड. प्रशिक्षणार्थी अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रक्रिया से पृथक कर दिया गया है, जिससे लगभग 1 लाख बी.एड. उपाधिधारको के भविष्य पर विराम लग गया है।
महोदय जी लोकशिक्षण संचालनालय छ.ग. शासन द्वारा 22/08/2023 को अधिकारिक सूचना में बी.एड. प्रशिक्षार्थियों को पृथक करने हेतु माननीय हाई कोर्ट बिलासपुर के 21/08/2023 टिप्पणी को आधार माना गया है परन्तु इस टिप्पणी में माननीय हाई कोर्ट द्वारा कहीं पर भी बी.एड. उपाधिधारकों को अपात्र करने के संबंध में टिप्पणी नहीं किया गया है । माननीय हाई कोर्ट द्वारा उक्त टिप्पणी में आगामी सुनवाई तक बी.एड. उपाधिधारकों के संबंध में नियुक्ति संबंधित अंतिम निर्णय लेने मना किया गया है किन्तु लोकशिक्षण संचालनालय छ.ग. शासन द्वारा उक्त टिप्पणी को फैसला मानते हुए बी.एड. उपाधिधारकों को अपात्र कर इस भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ डी.एल.एड. उपाधिधारकों को काउंसिलिंग हेतु आमात्रित कर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है, एवं सारे पदों को डी.एल.एड. अभ्यर्थियों द्वारा भरा जा रहा है। माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा 11/08/2023 को राजस्थान बनाम देवेश शर्मा बनाम union of India के Civil अपील नंबर 5068 / 202 के निर्णय के पेज नंबर 45 के पैराग्राफ मे स्पष्ट रूप से वर्णित है कि विज्ञापन तिथि जारी होने के समय NCTE के निर्देश के अनुसार वे पात्र है अतः उन्हे भर्ती प्रक्रिया से पृथक नही किया जा सकता है।
अतः छ.ग. सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के काउंसिलिंग से बी.एड. उपाधिधारक को पृथक किया जाना न्योयोचित नही है। अतः काउंसिलिंग प्रक्रिया में बी.एड. उपाधिधारकों को समान अवसर प्रदान कर न्याय प्रदान किया जाए ।
यदि इस संबंध में काउंसिलिंग की प्रक्रिया जारी भी रखा जाता है तो माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के अंतिम फैसले के आने तक मेरिट सूची में चयनित बी.एड. अभ्यर्थियों के लिए पदों को सुरक्षित रखा जाए ।
B.ed VS D.Ed, D.EL.Ed or B.EL.Ed.
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट (Devesh Sharma Vs भारत संघ ) को आधार मानकर, हाई कोर्ट में केस लगाकर सभी बी. एड़ धारियों को वर्तमान में चल रही सहायक शिक्षक भर्ती 2023 (4 मई 2023 के से बाहर करने हेतु याचिका दायर की गयी है। जिसमें एक सुनवाई हो चुकी है, इस सुनवाई में माननीय हाई कोर्ट के डबल बैच द्वारा फिलहाल बी.एड को काउसलिंग में रोकते हुए भर्ती के अधीन रखने को कहा है। उक्त बातों को आधार मानकर लोक शिक्षण संचानालय द्वारा सभी पदो पर बी.एड अभ्यार्थियों को नियुक्ति देने के उद्देश्य से काउसलिंग में प्रक्रिया 23.08.2023 से 30.08.2023 तक रखा गया है।
उक्त केस के संबंध में जहाँ तक हमें लगता है कि आप सभी में अधूरी बात ही पता है अतः आप सब भी हमें अपात्र मान रहे है। इस हेतु आप सभी को और साथ ही साथ हमारे शिक्षा संचालनालय को हमारी पक्षों को भी रखने के लिए आपके समक्ष उपस्थित हैं कुछ बिंदुओं के माध्यम से आपको मै अपना पक्ष सभी बी.एड अभ्यार्थीयों की तरफ से रखना चाहूगा ।
- माननीय सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को आधार बनाकर हमें बाहर किया जा रहा हैं उसी जजमेंट में यह साफ-साफ राजस्थान सरकार को कहा गया है कि जिस समय वह केस लाया गया उस समय NCTE 2018 पूरे भारत में लागू था तो आपने नियम के आधार पर आपके बी. एड़में बाहर नहीं रखना चाहिए । था। NCTE 2018 के बंध में राजपत्र में स्पष्ट किया गया था कि बी.एड़ को प्राथमिक शिक्षा के लिए मान्य किया जाये, साथ ही साथ उसमें बी.एड वालों के लिए 6 माह की सुप्रीम कोर्ट का प्रावधान करने के बात कही कई थी ।
- इसी प्रकार हमारे राज्य छ.ग. में भी नोटिफिकेशन (शिक्षक भर्ती 2023) 4 मई 2023 भर्ती के परीक्षा परिणाम घोषित 2 जुलाई 2023 एंव प्रवीण्य सूची जारी होने तक NCTE 2018 का नियम पूरे भारत में लागू था | NCTE 2018 सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को अमान्य किया। लेकिन NCTE माननीय 2016 को किस दिनांक से अमान्य किया गया है, इसके संबंध में सुप्रीम कोर्ट जजमेंट में की उल्लेख नहीं है। भारत में कानून या या सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट भविष्य लक्षित होता है, ना कि भूत लक्षित (ज्यादातर मामले में)। अतः हम सभी बी.एड अभ्यर्थी NCTE 2018 के गाइडलाईन के तहत् 11.08.2023 सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के पहले तक तो पात्र ही थे । और अभी भी पात्र है क्योंकि हमारी सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है केवल काउसिंग और dvc बचा है ।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंजू श्री बनाम आंध्र प्रदेश राज्य (1313/2008) मो. सोहराल बनाम अलीगढ़ मुस्लिम युनिर्वसिटी (SLP NO. 17481/2006) छ.ग. हाई कोर्ट के (wps no. 2683/2018) मनराज तंबोली बनाम स्टेट ऑफ छ.ग. इन उपरोक्त केस के संबंधों में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्लियर किया गया है कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया में एक बार जो भर्ती नियम बनायागया है वह उस पूरी प्रक्रिया के दौरान नहीं बदला जा सकता है। अतः वर्तमान शिक्षक भर्ती प्रक्रिया छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेना शैक्षिक एवं प्रशासनिककर्ता भर्ती पदोन्नति नियम 2019 के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए ।
- छ.ग. शिक्षा भर्ती 2023 नोटिफिकेशन में बिंदु 8 अन्य निर्देश के (IX) पर स्पष्ट किया गया है कि इन पदो पर नियुक्तियां छ.ग. स्कूल शिक्षा सेवा
शैक्षिक एवं प्रशासनिक अंतर्गत भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 के तथा
संशोधन के अनुसार किया जायेगा ।
भर्ती एवं सेवा नियम बिंदु (2) न्यूनतम शैक्षणिक अर्हताएं में स्पष्ट
उल्लेख
(क) हा. सेकण्डरी न्यूनतम 45 प्रतिशत अंको के साथ
(ख) डी.एड या बी.एड या बील एड उत्तीर्ण
(ग) टी.ई.टी. उत्तीर्ण कहा गया है।
नोट- हमार नोटिफिकेशन में देवेश शर्मा बनाम भारत संघ वाद (SLP NO. 20745 OF 2021) का कही कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
- चूंकि उपरोकक्त तथ्यों के आधार मानकर देखा जाय तो सारे नियम और जो भी पूर्व के माननीय न्यायालयों के निर्णय रहे है वह भर्ती नियम को बीच में नहीं बदले जाने का रहा है। इसलिए इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान केवल एक तरफा निर्णय लेकर भर्ती प्रक्रिया में आगे बढ़ाना न्यायोचित नहीं हैं हम चाहते है कि कम से कम हाई कोई के निर्णय तक भर्ती प्रक्रिया के कार्यावाही को सभी के लिए रोका जाना चाहिए।
- माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने अभी हमें पूरी तरह से अपात्र घोषित नहीं है, उन्होंने केवल अभी के लिए बी.एड को रोका है जब तक वे निर्णय ना सूना दे तब तक के लिए अभी वहाँ केवल एक पक्ष को रखा गया है। पक्षकार के द्वारा भी आज दिनांक तक की आगे बात होई कोर्ट तक नहीं रखा गया है। उसके बाद याचिका करता को प्रतिउत्तर के लिए 2 सप्ताह तक समय दिया गया है। जो कि एक लंबा समय है। इस अवधि में संचालनालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है।
उपरोक्त संबंध में शासन संचालनालय से हमें सभी बी एड अभ्यर्थी प्रार्थना करते है कि जब तक की हाई कोर्ट पूरी मामले को सून न ले तब तक सहायक शिक्षक मत प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया जाना चाहिए। क्योंकि एक बार भती हो जाने के बाद यदि बी. एड अभ्यर्थी । पात्र व नियमानुसार सही पाये जाते है तो सरकार उन्हें कैसे मत करेगी यदि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रायधाम है तो एक अधिसूची के माध्यम से हम सभी बी. एक अध्ययों को सूचित किया। दाय । हम सभी जानते है कि यह चुनावी वर्ष है। शासन को सारी प्रक्रिया को ध्रुवगामी करना है। लेकिन इस वक्कर में किसी भी पक्षा को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
शासन एवं विभाग से निवेदन है कि जब एक हाई फोटो का अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक काउंसलिंग प्रक्रिया में बी.एड अभ्यार्थियों को शामिल करने की कृपा करेंगे।
यदि संभव नही तो मेरिट सूची के हिसाब से काउंसलिंग कर को की एड अभ्यार्थियों का सीट सुरक्षित करें।