राज्य में तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर नियंत्रण के लिए इससे जुड़े कानूनों को कड़ाई से लागू करने तथा सभी शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त बनाने प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। नवा रायपुर स्थित स्वास्थ्य भवन में राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (एसटीसीसी), राष्ट्रीय सहयोगी संस्थाओं तथा गैर-सरकारी संगठनों की बैठक में इस पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए सभी संस्थाओं एवं संगठनों की सामूहिक सहभागिता पर जोर दिया गया। बैठक में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के लिए विस्तार से चर्चा की गई और सहयोगी संस्थाओं की भागीदारी से छत्तीसगढ़ को तंबाकू मुक्त राज्य बनाने का निर्णय लिया गया।
राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही सहयोगी संस्थाओं और एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की सराहना की गई। डॉ. जैन ने बैठक में कहा कि राज्य को तंबाकूमुक्त बनाने में संस्थाओं की सहभागिता बहुत आवश्यक है। सामूहिक सहभागिता के माध्यम से ही राज्य को तंबाकूमुक्त बनाया जा सकता है। जन-जागरूकता के जरिए ही तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को राज्य में प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने सहयोगी संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि जमीनी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण के लिए कोई कमी दिख रही है तो वे इससे विभाग को अवगत कराएं। उन्होंने सामूहिक सहभागिता से खामियों और कमियों को दूर कर तंबाकूमुक्त राज्य की परिकल्पना को किस प्रकार साकार किया जा सकता है, इसे सुनिश्चित कराने में स्वयं का योगदान देने की अपील भी की।