बंद ट्रेनें तुरंत बहाल करने की मांग माकपा ने डी आर एम को सौंपा ज्ञापन

बंद ट्रेनें तुरंत बहाल करने की मांग माकपा ने डी आर एम को सौंपा ज्ञापन

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर त्योहारी सीजन में रेलवे के द्वारा बड़े पैमाने पर ट्रेन परिचालन बंद किए जाने पर तीव्र रोष व्यक्त करते हुए इन्हें तत्काल बहाल किए जाने की मांग करते हुए इस पर जल्द निर्णय न होने पर घेराव आंदोलन की चेतावनी दी । माकपा जिला सचिव प्रदीप।गाभने ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल जिसमे माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य धर्मराज महापात्र, प्रदीप गभने, अतुल देशमुख , के के साहू, साजिद रजा, अजय कन्नोजे, करण सोनकर, गजेंद्र पटेल, शामिल थे ने रायपुर रेल मंडल प्रबंधक श्री संजीव कुमार को ज्ञापन सौंपकर उक्त मांग की । माकपा ने कहा कि ऐन त्योहार के समय अचानक 48 से अधिक ट्रेन बंद कर दिए गए हैं और उसके बाद हाल ही में 12 और ट्रेन 15 अक्तूबर तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है । रेलवे के इस निर्णय से हजारों आम लोग प्रभावित हो रहे हैं दूसरी ओर अदानी के कोल परिवहन का कार्य निर्बाध जारी है । ऐसा लग रहा है अघोषित रूप से भारतीय सरकारी रेल को अदानी रेल में बदल दिया गया है । पार्टी ने अपने ज्ञापन में

  1. रेल प्रशासन द्वारा विगत दिनों प्रदेश से होकर गुजरने वाली लगभग बंद की गई 48 विभिन्न ट्रेनों जिसमे लोकल व मेमू ट्रेन भी शामिल थीं और हाल में घोषित और 12 ट्रेन जिसमे गोंदिया बरौनी जैसी ट्रेन भी शामिल है को पूर्ण रूप से बहाल करने ।
  2. रायपुर रेल मंडल तथा बिलासपुर जोन रेलवे के राजस्व मे बड़ा योगदान देते है अतः उस अनुरूप रेल सुविधाओं के प्रदेश में विस्तार सुनिश्चित करने ।
  3. रेलवे स्टेशन के साफ सफाई, उचित गुणवत्ता के खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा उसके लिए निर्धारित मूल्य पर ही यात्रियों को समान की उपलब्धता सुनिश्चित की करने ।
  4. रेलवे की संपत्ति, ट्रेन परिचालन, निर्माण से संबधित किसी भी सेवा के निजीकरण की नीति पर पूर्णतः रोक लगाने ।
  5. रेलवे की सभी श्रेणी की सभी रिक्तियों में भर्ती की नियमित प्रक्रिया प्रारंभ कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने ।
  6. रेलवे की जमीन पर काबिज झुग्गीवासियों को स्थाई पट्टा प्रदान करने ।*
    की भी मांग की । पार्टी ने इन मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही न होने पर उग्र आंदोलन और घेराव की भी चेतावनी दी ।
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