जी-20 सम्मेलन के घोषणापत्र को लेकर यूक्रेन ने प्रतिक्रिया दी है. यूक्रेन ने कहा है कि घोषणापत्र में ऐसा कुछ नहीं है जिस पर गर्व किया जा सके.
बीबीसी संवाददाता ने बताया है कि पिछले साल जारी किए गए बयान की तुलना में इसकी भाषा नरम है. इसमें रूस का भी जिक्र नहीं है. इसकी भाषा में अस्पष्ट रखी गई है.
आलोचकों का कहना है कि इससे रूस को यूक्रेन में अपना गैरकानूनी कब्जे को सही ठहराने का मौका मिल सकता है. भारत ने कहा है कि इस बयान को जारी करने में विकासशील देशों की अग्रणी भूमिका रही है.
यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत का रुख ‘तटस्थ’ रहा है. हालांकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का नाम लिए बिना कहा था, ‘ये युद्ध का युग नहीं है.’