संसद के विशेष सत्र में पहले दिन सोमवार को आजादी के बाद 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा जारी है। पीएम मोदी ने सबसे पहले संसदीय यात्रा की शुरुआत, उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और उनसे मिली सीख के मुद्दे पर लोकसभा में संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने संसद के पुराने भवन से नए भवन में जाने को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि वे इस मौके पर भावुक हैं।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संसद में काम करने वाले कर्मियों का भी शुक्रिया जताया। उन्होंने कहा, “हम जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं लेकिन हमारे बीच एक टोली भी बैठती है, जिनकी भी कई पीढ़ियां बदल गई, जो हमें कागज पत्र पकड़ाने के लिए दौड़ते हैं। इनके काम ने भी सदन के कार्य में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई और मैं हृदय से उनका अभिनंदन करता हूं। ऐसे ही किसी ने इसकी सफाई की, किसी ने सुरक्षा, ऐसे ही कितने अनगिनत लोगों ने हमें अच्छे ढंग से काम करने में मदद की। उन्हें मैं हमारी तरफ से हमारे सदन की तरफ से विशेष अभिनंदन करता हूं।”
2001 आतंकी हमले से सांसदों को बचाने वालों का नमन’
लोकतंत्र का ये सदन, आतंकी हमला हुआ। यह हमारी जीवात्मा पर हमला था, ये देश कभी उसे भूल नहीं सकता। जिन्होंने सदस्यों को बचाने केलिए अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनकों भी नमन करता हूं। आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो मैं उन पत्रकारों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने यहां की पल-पल की जानकारी देश को उपलब्ध कराई। उनका सामर्थ्य था कि वह अंदर की बात भी पहुंचाते थे और अंदर के अंदर की बात भी पहुंचाते थे…भारत की विकास यात्रा को सदन के माध्यम से समझाने की कोशिश की। आज उनके लोकतंत्र की महत्वपूर्ण ताकत बनने को याद करने का भी समय है।
पीएम मोदी ने गिनाए संसदीय इतिहास के अहम मौके
पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान जब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर मंत्री थे तो देश में बेस्ट प्रैक्टिस को लागू करने की दिशा में बहुत काम हुआ। अंबेडकर हमेशा कहते थे कि देश में सामाजिक समानता के लिए देश में औद्योगिकीकरण होना बेहद जरूरी है। उस समय जो उद्योग नीति लाई गई थी, वो आज भी उदाहरण है। लाल बहादुर शास्त्री ने 65 के युद्ध में देश के जवानों को इसी सदन से प्रेरित किया था और यहीं से उन्होंने हरित क्रांति की नींव रखी थी। बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया गया। इसी सदन में देश के लोकतंत्र पर आपातकाल के रूप में हुआ हमला भी देखा था। ये सदन हमेशा इसी बात का ऋणी रहेगा कि मतदान की उम्र 21 से 18 करने का फैसला किया गया। इसी सदन ने गठबंधन की सरकारें देखीं।
इसी सदन में न्यूक्लियर समझौते पर अंतिम मुहर लगी और इसी सदन में आर्टिकल 370, वन पेंशन वन टैक्स…जीएसटी, वन रैंक-वन पेंशन भी इसी सदन में देखा। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला भी यहीं हुआ। भारत के लोकतंत्र में तमाम उतार-चढ़ाव हमने देखे हैं और ये सदन लोकतंत्र की ताकत हैं और लोकतंत्र के साक्षी हैं। इसी सदन में चार सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में होती थी। इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी थी। नरसिम्हा राव घर जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन इस सदन की ताकत से अगले पांच साल के लिए देश के पीएम बने। 2000 की अटल जी की सरकार में तीन राज्यों का गठन हुआ। जिसका हर किसी ने उत्सव मनाया। इसी सदन ने कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को खत्म किया। इसी सदन के सदस्यों ने कोरोना काल में सांसद फंड का पैसा जनहित में दिया।
वर्तमान सांसदों को मिला इतिहास और भविष्य की कड़ी बनने का मौका’
वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का अवसर है क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी बनने का अवसर मिल रहा है। कल और आज से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। नई उमंग, नए उत्साह से हम यहां से विदा लेने वाले हैं। सदन की दीवारों से हमने जो प्रेरणा, नया विश्वास पाया है, उसे हम आगे लेकर जाएंगे। आज का दिन उन पुरानी स्मृतियों का याद करने का समय दिया, उसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। मैं इस धरती को, सदन को प्रणाम करता हूं।
नए संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ नए संसद भवन में जाएं : पीयूष गोयल
राज्यसभा द्वारा देश के संसदीय लोकतंत्र में दिये गये योगदान को ‘महत्वपूर्ण’ बताते हुए सदन के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को उम्मीद जताई कि सभी सदस्य नए संसद भवन में देश की 140 करोड़ जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक नए संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ जाएंगे।
उच्च सदन में देश की संसदीय यात्रा के बारे में चर्चा की शुरुआत करते हुए गोयल ने यह बात कही। सदन के नेता ने गणेश चतुर्थी उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि आज की चर्चा हम सभी को और उत्साह देगी और इस बात के लिए प्रेरित करेगी कि आगे भी हम देश के निर्माण में अपना योगदान कैसे दे सकते हैं।
विपक्ष पर बिफरे धनखड़: जयराम रमेश से बोले- आप मेरी कुर्सी पर बैठिए,
संसद के विशेष सत्र की आज से शुरुआत हो गई है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत इंडिया गठबंधन के तमाम नेता सदन में मौजूद रहे। इस दौरान सदन में हंगामा भी हुआ। वहीं, सभापति विपक्ष के नेताओं को डांटते दिखे। उन्होंने गुस्से में यह तक कह दिया कि आइए आप बैठ जाइए मेरी जगह।
प्रधानमंत्री ने गिनाईं संसद की ऐतिहासिक उपलब्धियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण में संसदीय इतिहास के कई बड़े मौकों को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में अमेरिका के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर अंतिम मुहर लगाई थी। इसी सदन में अनुच्छेद 370 हटाने, वन पेंशन-वन टैक्स…जीएसटी लागू करने और वन रैंक-वन पेंशन का फैसला भी हुआ। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला भी यहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने गिनाईं संसद की ऐतिहासिक उपलब्धियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण में संसदीय इतिहास के कई बड़े मौकों को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में अमेरिका के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर अंतिम मुहर लगाई थी। इसी सदन में अनुच्छेद 370 हटाने, वन पेंशन-वन टैक्स…जीएसटी लागू करने और वन रैंक-वन पेंशन का फैसला भी हुआ। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला भी यहीं हुआ।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कही यह बात
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं आज प्रधानमंत्री के भाषण की सराहना करती हूं जहां उन्होंने सराहना की कि शासन निरंतरता है। इस देश के निर्माण में पिछले 7 दशकों में विभिन्न लोगों ने योगदान दिया है, जिसे हम सभी समान रूप से प्यार करते हैं। चाहे आप इसे इंडिया कहें या भारत, यह आपका अपना देश है। हम सभी यहीं पैदा हुए हैं, हम सभी यहां आकर धन्य हैं…मैं उन दो लोगों को रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगी जिनका आज भाजपा ने उल्लेख नहीं किया है, जिनसे मैं अपने संसदीय कार्यों में अत्यधिक प्रभावित रही हूं, जो भाजपा से आते हैं। मुझे अब भी लगता है कि वे सबसे बड़े नेताओं में से एक थे और असाधारण सांसद थे जिनका हम आदर करते थे – सुषमा स्वराज और अरुण जेटली। वे लगातार सहकारी संघवाद की बात करते रहे।
कविता ने कांग्रेस को घेरा
BRS MLC के. कविता ने हैदराबाद में कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का एक और चुनावी हथकंडा है। तेलंगाना के लोग जानते हैं और समझते हैं कि कांग्रेस पार्टी कभी भी अपने वादों पर खरी नहीं उतरती… यह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने पीढ़ियों से तेलंगाना के लोगों की भावनाओं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है… मुझे विश्वास है कि तेलंगाना की जनता हमें तीसरी बार आशीर्वाद देगी।
नीतीश कुमार जी अब भविष्यवाणी भी करने लगे हैं: राजीव प्रताप रूडी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘चुनाव’ वाले बयान पर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि नीतीश कुमार जी अब भविष्यवाणी भी करने लगे हैं। बिहार की स्थिति बदल रही हैं और जो 4 करोड़ लोग बिहार छोड़कर गए हैं वे सवाल उठा रहे हैं कि बिहर में इतनी बदहाली, गरीबी क्यों? नीतीश कुमार पहले इन सवालों को जवाब दें।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कही यह बात
महिला आरक्षण विधेयक पर TMC सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि चर्चा हो रही है लेकिन देर से हो रही है। इस पर ममता बनर्जी ने सबसे पहले अवाज उठाई थी। यह सबको पता है कि यह बिल किन कारणों और लोगों की वजह से सार्थक नहीं हुआ था। यह सब चर्चा शीत सत्र में भी सकती थीं। ऐसी कौन सी बात है कि इस विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक तय किया जा रहा है। अभी तक जो एजेंडा है उससे लग रहा है कि इसकी (विशेष सत्र) जरूरत नहीं थी। हम इसके (महिला आरक्षण विधेयक) समर्थक हैं।